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औरंगाबाद में वन स्टाप सेंटर में जिला बाल सरंक्षण कार्यालय का कब्जा

जागरण संवाददाता औरंगाबाद। पीड़ित महिलाओं के लिए समाहरणालय परिसर में बना वन स्टाप सेंटर में जिला बाल सरंक्षण कार्यालय का कब्जा है। यहां अपनी समस्या लेकर आने वाली महिलाएं बैठने के लिए जगह नहीं मिलने के कारण विरोध कर चुकी हैं। डीएम सौरभ जोरवाल ने शनिवार को वन स्टाप सेंटर का निरीक्षण किया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Jul 2022 10:34 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jul 2022 10:34 PM (IST)
औरंगाबाद में वन स्टाप सेंटर में जिला बाल सरंक्षण कार्यालय का कब्जा
औरंगाबाद में वन स्टाप सेंटर में जिला बाल सरंक्षण कार्यालय का कब्जा

जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। पीड़ित महिलाओं के लिए समाहरणालय परिसर में बना वन स्टाप सेंटर में जिला बाल सरंक्षण कार्यालय का कब्जा है। यहां अपनी समस्या लेकर आने वाली महिलाएं बैठने के लिए जगह नहीं मिलने के कारण विरोध कर चुकी हैं। डीएम सौरभ जोरवाल ने शनिवार को वन स्टाप सेंटर का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिला पदाधिकारी द्वारा वन स्टाप सेंटर की प्रशासक कांति कुमारी से सेंटर की प्रक्रिया के संबंध में जानकारी प्राप्त की। सेंटर में संधारित पंजियों एवं संचिकाओं का अवलोकन किया। इस दौरान डीएम ने उपस्थित आवेदिका और पीड़िता से उनके समस्या निराकरण के संबंध में जानकारी ली। कांति कुमारी द्वारा बताया गया कि प्रताड़ित या पीड़ित महिलाएं फोन अथवा मोबाइल के माध्यम से अथवा सीधे वन स्टाप सेंटर में आकर अपनी शिकायत दर्ज कराती हैं। शिकायत के बाद दोनों पक्षों को वन स्टाप सेंटर में बुलाया जाता है और उसके बाद परामर्श उपरांत समझौता कराया जाता है। समझौता नहीं होने की स्थिति में आवेदिका की सहमति के अनुसार न्यायालय को अग्रसारित किया जाता है। वन स्टाप सेंटर में शेड लगाने की बात डीएम से कही, जिसपर डीएम द्वारा संबंधित पदाधिकारी को लगाने का निर्देश दिया। डीएम ने वन स्टाप सेंटर के अलावा कर्मा रोड बीएल इंडो स्कूल के सामने निजी किराए के मकान में संचालित विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान का निरीक्षण किया। डीएम को बताया गया कि संचालन हेतु संविदा आधारित सभी कर्मियों का चयन कर उनका योगदान कराया जा चुका है। बताया गया कि इस संस्थान में किशोर न्याय अधिनियम की धारा 65 के अधीन विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में 0 से 6 वर्ष के देखरेख एवं संरक्षण के जरूरतमंद दस बच्चों का आवासन कराया जाता है। अनाथ निराश्रित एवं परित्यक्त बच्चे जिनके माता, पिता, अभिभावक एवं रिश्तेदार की खोज नहीं की जा सकती वैसी बच्चों को कानूनी प्रावधान के अनुसार गोद दिया जाता है। उक्त संस्थान के विधिवत संचालन हेतु समाज कल्याण विभाग से निबंधन के साथ आवंटन की प्रतीक्षा की जा रही है। प्राप्त होते ही बच्चों के आवासन सुविधा की शुरुआत की जाएगी। सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा अमृत ओझा मौजूद रहे।

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