औरंगाबाद में कोई अतिरिक्त तैयारी नहीं, टीकाकरण और जागरूकता ही कोरोना से लड़ने का उपाय
औरंगाबाद। मार्च 2020 और जुलाई 2021 के बीच करीब 15 महीने के बीच प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दाउदनगर में कोविड-19 से लड़ाई के लिए कोई सुविधा या संसाधन नहीं बढ़ाया गया है। कोरोना संक्रमण महामारी के तीसरे फेज की चर्चा है आशंकाएं और संभावनाएं हैं। इससे निपटने के लिए पीएचसी को कोई अतिरिक्त सुविधा या संसाधन उपलब्ध सरकार की ओर से नहीं कराया गया है।
औरंगाबाद। मार्च 2020 और जुलाई 2021 के बीच करीब 15 महीने के बीच प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दाउदनगर में कोविड-19 से लड़ाई के लिए कोई सुविधा या संसाधन नहीं बढ़ाया गया है। कोरोना संक्रमण महामारी के तीसरे फेज की चर्चा है, आशंकाएं और संभावनाएं हैं। इससे निपटने के लिए पीएचसी को कोई अतिरिक्त सुविधा या संसाधन उपलब्ध सरकार की ओर से नहीं कराया गया है। हां, सिर्फ शहरी क्षेत्र के टीकाकरण और जागरूकता को लेकर प्रयास किया जा रहा है। इसी के बूते तीसरे फेज की जंग लड़ने की तैयारी की जा रही है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर शिव शंकर झा ने बताया कि एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से लोगों को जागरूक करने और टीकाकरण करने का काम किया जा रहा है। स्वास्थ्य प्रबंधक आयुषी कुमारी वर्मा ने बताया कि शहर में 36000 व्यक्तियों को टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें 24000 का टीकाकरण कर दिया गया है। वैक्सीन न मिलने के कारण लक्ष्य हासिल करने में विलंब हो रहा है। यदि नियमित रूप से टीका उपलब्ध हो तो टीकाकरण का लक्ष्य आसानी से पूरा किया जा सकता है। आक्सीजन व कंसंट्रेटर की स्थिति पूर्ववत
बताया गया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पहले से आक्सीजन के छह सिलेंडर और एक कंसंट्रेटर उपलब्ध है। इस स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। अभी भी इनकी मात्रा उतनी ही है, जितनी पहले थी। इस बीच प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को अनुमंडलीय अस्पताल में स्थानांतरित करने की कवायद जरूर शुरू हुई है। यह प्रयास भवन जर्जर होने के बहाने किया जा रहा है। जिसका जनता ने विरोध किया। ऐसी ही कोशिश 5 साल पूर्व भी की गई थी और तब भी पीएचसी को अनुमंडलीय अस्पताल में जाने से रोकने में सफलता मिली थी। वैक्सीन कम उपलब्ध होने से परेशानी
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारा अब तक 15 कैंप लगाया गया है। शहर की आबादी 52000 से अधिक है। बच्चों का टीकाकरण अभी नहीं हो रहा है। इस कारण लक्ष्य मात्र 36000 रखा गया है। बताया गया कि वैक्सीन न मिलने के कारण लक्ष्य हासिल करना मुश्किल हो रहा है। प्राय: लोग टीका लगवाने पीएचसी पहुंच रहे हैं, लेकिन टीका नहीं मिलने के कारण अपनी नाराजगी व्यक्त कर लोग वापस लौट रहे हैं। इससे स्वास्थ्य कर्मियों को परेशानी हो रही है।