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भोजन व पानी को जंगल में तड़प रहे नक्सली

औरंगाबाद। गर्मी के इस मौसम में जंगल और पहाड़ों पर नक्सली पानी और भोजन के लिए तड़प रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Apr 2018 07:20 PM (IST)Updated: Mon, 23 Apr 2018 07:20 PM (IST)
भोजन व पानी को जंगल में तड़प रहे नक्सली
भोजन व पानी को जंगल में तड़प रहे नक्सली

औरंगाबाद। गर्मी के इस मौसम में जंगल और पहाड़ों पर नक्सली पानी और भोजन के लिए तड़प रहे हैं। नक्सली पहाड़ से नीचे नहीं उतर पा रहे हैं। यह दावा नक्सलियों के खिलाफ सर्च आपरेशन में लगे पुलिस अधिकारी कर रहे हैं। शुक्रवार एवं शनिवार को मदनपुर थाना के पचरुखिया एवं सागरपुर के जंगल में नक्सली भूख और पानी के लिए तड़प रहे थे। जब पानी और भोजन के लिए पहाड़ से उतरने का प्रयास किया तो पुलिस के साथ भिड़ंत हो गई। पुलिस ने नक्सलियों को जंगल और पहाड़ से नीचे नहीं उतरने देने की रणनीति बनाई है। जंगल से नक्सलियों को खदेड़ने की योजना बनाई गई है। इसके लिए सीआरपीएफ एवं कोबरा को जंगल में रखा गया है। जहां पूर्व तक नक्सलियों का बसेरा होता था आज वहां जवान एंबुस लगा बैठे रह रहे हैं। कभी नक्सलियों के लिए सुरक्षित माने जाने वाला मदनपुर थाना का पचरुखिया, ढकपहरी, सहजपुर, सहियार, देव थाना के गंजोई, ढिबरा थाना के बाणगोरेया, गोपालडेरा, झरना, महुलान का जंगल अब नक्सलियों के लिए सुरक्षित नहीं रहा। यहां सुरक्षाबलों के द्वारा हर समय सर्च आपरेशन चलाया जाता है। सुरक्षाबलों की लगातार मूवमेंट के कारण नक्सली अब इन जंगलों को अपने लिए सुरक्षित नहीं मानते हैं। नक्सली घने जंगलों के कुछ चिन्हित गुफाओं तक सिमट कर रह गए हैं। इन गुफाओं पर पुलिस की नजर है। दो दिन पहले पचरुखिया एवं सागरपुर जंगल में मुठभेड़ के बाद पुलिस के द्वारा चलाए जा रहे सर्च आपरेशन में नक्सलियों के सात बंकर को ध्वस्त किया गया है। पूर्व में नक्सली जनअदालत लगाते थे अब अदालत लगानी बंद कर दी है। नक्सलियों के खिलाफ लगी है पांच कंपनी

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नक्सलियों के खिलाफ जिले में केंद्रीय अ‌र्द्धसैनिक बलों की पांच एवं एसटीएफ की तीन कंपनी है। मदनपुर, देव, भलुआही, नवीनगर एवं एरका में सीआरपीएफ का कैंप है। जिला मुख्यालय में सीआरपीएफ का मुख्यालय बनाया गया है। नवीनगर के कालापहाड़ में एसएसबी का कैंप है। इसके लिए एसटीएसफ व चीता की कंपनी नक्सलियों के खिलाफ सर्च आपरेशन में शामिल रहती है। जिला पुलिस के जवान होते हैं। इसके अलावा कोबरा के जवान नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। नक्सलियों से भिड़ंत होने पर एक घंटा के अंदर कैंप के जवान नक्सलियों से मुकाबला के लिए जंगल और पहाड़ पर बाइक से पहुंच जाते हैं। कहते हैं आइजी अभियान

आइजी अभियान कुंदन कृष्णन ने बताया कि औरंगाबाद में काफी हद तक नक्सली घटनाओं में कमी आई है। पिछले वर्ष नक्सलियों ने तीन चार घटनाओं को अंजाम दिया था। इस वर्ष अबतक नक्सली एक भी घटना नहीं कर सके हैं। नक्सलियों की गतिविधि गया जिला के डुमरीनाला, छकरबंधा से लेकर मदनपुर, देव एवं ढिबरा थाना क्षेत्र के कुछ भाग घने जंगलों तक सिमट गया है। नक्सलियों का दस्ते में कमी आई है। कुछ सरेंडर किए हैं, कुछ मारे गए हैं तो कई नक्सली गिरफ्तार कर जेल भेजे गए हैं। आइजी अभियान ने बताया कि बड़े नक्सलियों एवं उनके रिश्तेदारों की संपत्ति जब्ती की कार्रवाई शुरू की गई है। आश्रयदाताओं, सहयोगियों एवं मददगारों पर शिकंजा कसा जा रहा है। चाल्हो जोन से नक्सल उन्मूलन के कगार पर है। अब जहां नक्सलियों का ठहराव हो रहा है उस जगह को टारगेट कर कार्रवाई की जा रही है।


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