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नक्सलियों को पकड़ने को जवान बहा रहे पसीना

देव एवं मदनपुर थाना के दक्षिणी इलाके के जंगल में भाकपा माओवादी के हथियारबंद नक्सलियों को गिरफ्तार करने के लिए जवान पसीना बहा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Nov 2019 04:56 PM (IST)Updated: Mon, 11 Nov 2019 07:10 PM (IST)
नक्सलियों को पकड़ने को जवान बहा रहे पसीना
नक्सलियों को पकड़ने को जवान बहा रहे पसीना

औरंगाबाद। देव एवं मदनपुर थाना के दक्षिणी इलाके के जंगल में भाकपा माओवादी के हथियारबंद नक्सलियों को गिरफ्तार करने के लिए जवान पसीना बहा रहे हैं। जंगल में सर्च आपरेशन चला रहे हैं पर नक्सलियों को पकड़ नहीं पा रहे हैं। दो दिन पहले हथियारबंद नक्सलियों ने देव थाना के पसिया भंडारी गांव निवासी सुनिल पासवान की आधुनिक हथियार एसएलआर से गोली मार हत्या करने के बाद सुरक्षाबलों को बेचैन कर दिया है। घटना के बाद से जिला पुलिस के साथ कोबरा की एक, सीआरपीएफ की दो एवं एसटीएफ की एक बटालियन नक्सलियों की गिरफ्तारी को लेकर जंगल में सर्च आपरेशन चला रही है। सर्च आपरेशन के तीन दिन हो गए पर सुरक्षाबलों को सफलता नहीं मिली है। सुरक्षाबल हथियारबंद नक्सलियों को मार गिराने के लिए जंगल एवं पहाड़ से नीचे रात्रि में एंबुस लगा बैठे रहते हैं पर नक्सली सुरक्षाबलों के जाल में नहीं फंस रहे हैं। सुनिल की हत्या के बाद नक्सलियों ने पोस्टर जारी किया था जिससे यह पता चला है कि जंगल में नक्सलियों का पीएलजीए का हथियारंबद दस्ता जंगल में जमे हैं। बताया जाता है कि झारखंड में चुनाव को लेकर पहुंची पारा मिलिट्री फोर्स के साथ राज्य की सुरक्षाबलों के द्वारा नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे सर्च आपरेशन के कारण नक्सली झारखंड की सीमा से लगे औरंगाबाद एवं गया जिले के सीमा की जंगल में अपना ठिकाना बना रहे हैं। हालांकि एएसपी अभियान राजेश कुमार सिंह ने कहा कि झारखंड से नक्सली औरंगाबाद जिले के जंगल में नहीं आ रहे हैं। नक्सलियों के खिलाफ सर्च आपरेशन चलाया जा रहा है। बता दें कि औरंगाबाद एवं गया जिला के दक्षिणी इलाके का बरहा छकरबंधा का जंगल करीब 35 किमी लंबाई और करीब 15 किमी चौड़ाई में फैला है। इस जंगल से नक्सलियों को खदेड़ने के लिए औरंगाबाद में सीआरपीएफ मुख्यालय के अलावा पांच कैंप, एसटीएफ की एक एवं एसएसबी की एक कैंप है। जबकि गया जिला के इमामगंज, आमस, सोनदाहा, सेवरा, छकरबंधा, डुमरिया में सीआरपीएफ एवं बरही में कोबरा बटालियन का कैंप है। कैंप के सुरक्षाबलों के द्वारा हर समय बरहा छकरबंधा के जंगल में सर्च आपरेशन चलाया जाता है पर नक्सलियों का पैर नहीं उखड़ पा रहा है। जंगल में सुरक्षाबलों एवं नक्सलियों की बीच सह मात का खेल चलता रहता है। मुठभेड़ होते रहती है। जवान शहीद होते हैं तो नक्सली भी मारे जाते हैं।

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