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15 वर्षों से बंद है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र

वर्षों से स्थापित हसपुरा का स्वास्थ्य केंद्र बंद है। छह वर्ष पहले इसमें कुष्ठ विभाग खोला गया। जब यहां रेफरल अस्पताल नहीं था तो एक मात्र प्राथमिक

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Dec 2019 06:14 PM (IST)Updated: Wed, 25 Dec 2019 06:14 PM (IST)
15 वर्षों से बंद है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
15 वर्षों से बंद है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र

वर्षों से स्थापित हसपुरा का स्वास्थ्य केंद्र बंद है। छह वर्ष पहले इसमें कुष्ठ विभाग खोला गया। जब यहां रेफरल अस्पताल नहीं था, तो एक मात्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र था। यहां मरीजों की भीड़ रहती थी। आज भी इस स्वास्थ्य केंद्र के नाम पर कुछ चिकित्सक पदस्थापित हैं, लेकिन बंद किए जाने के बाद केंद्र के चिकित्सक रेफरल अस्पताल में अपनी सेवा दे रहे हैं। अब इस केंद्र में इलाज नहीं होता है। केंद्र अब शोभा की वस्तु बनी है। केंद्र के बंद होने से पहरपुरा, गहना, जलपुरा, रसुलपुर, पीरू समेत कई गांव की हजारों जनता स्वास्थ्य सेवा से महरूम हो गए। अब इन्हें हसपुरा बाजार को पार करके नरसंद रोड स्थित रेफरल अस्पताल रोड जाना पड़ता है। ग्रामीण रामबिलास सिंह, रविरंजन कुमार, संजय यादव, रामनरेश सिंह ने कहा कि प्रखंड की जनता को जहां दो-दो अस्पतालों से स्वास्थ्य सुविधा मिलती थी। अब मात्र रेफरल अस्पताल से मिलती है। विभागीय सूत्र के अनुसार रेफरल अस्पताल खासकर रेफर मरीज के लिए स्थापित किया गया था। ऐसे में एक पुराने स्थापित स्वास्थ्य केंद्र को बंद करने का यह निर्णय जनता के हित में नहीं है। हालांकि मरीजों को बेहतर सुविधा दिलाए जाने से केंद्र को बंदकर रेफरल अस्पताल में समाहित किया गया था, लेकिन हुआ विपरीत। एक क्षेत्र के मरीज स्वास्थ्य सेवा से महरूम हो गए जो जनहित के लिए उचित नहीं है। बता दें कि जब इस केंद्र को 15 वर्षों पूर्व बंद कर इसे रेफरल अस्पताल में समाहित किया गया था तो उस समय खासकर एक क्षेत्र के लोगों में आक्रोश उत्पन्न हो गया था। लोग सड़कों पर उत्तर आए थे। 13 फरवरी 2004 को मशाल जुलूस एवं हसपुरा बाजार बंद देखा गया था। इसको लेकर ग्रामीणों द्वारा कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी परंतु कुछ नहीं हुआ। विभागीय पदाधिकारियों का कहना था कि जब दो किमी की दूरी पर दो अस्पताल चलती है तो सुविधा के अनुसार एक अस्पताल में दूसरे को समाहित किया जा सकता है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि एक अस्पताल को बंद कर उचित निर्णय नहीं था। क्योंकि जहां दो-दो अस्पताल से मरीजों को सुविधा मिलती थी अब मात्र एक ही अस्पताल से मिलने लगी है। खासकर एक क्षेत्र की जनता को दिक्कतें होने लगी। ग्रामीण अरविद कुमार, विजय सिंह, संजय कुमार, श्रीकांत प्रसाद ने कहा कि सरकार को चाहिए कि दोनों अस्पतालों को चालू कर दोनों जगह स्वास्थ्य सुविधा लोगों तक पहुंचाएं, क्योंकि जिस हिसाब से जनसंख्या एवं बीमारी बढ़ रही है उस हिसाब से लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मिलनी चाहिए। बता दें कि बंद केंद्र के पास बस स्टैंड, थाना, प्रखंड कार्यालय, कन्या एवं बालक उच्च विद्यालय समेत कई शिक्षण संस्थान चलती है। ठंढ या हर मौसम में बीमार पड़ने पर अब दूर अस्पताल जाना पड़ता है। ग्रामीणों ने शीघ्र इस केंद्र को चालू करने की मांग सरकार, संसद व क्षेत्रीय विधायक से की है।

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