करोड़ों की लागत से बना आइसीयू दो वर्षो से बंद
आइएसओ का दर्ज पा चुके सदर अस्पताल का गहन शिक्षा इकाई (आइसीयू) करीब दो वर्षों से बंद पड़ा है। उद्घाटन के बाद से आइसीयू का ताला नहीं खुला है।
आइएसओ का दर्ज पा चुके सदर अस्पताल का गहन शिक्षा इकाई (आइसीयू) करीब दो वर्षों से बंद पड़ा है। उद्घाटन के बाद से आइसीयू का ताला नहीं खुला है। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से आइसीयू खुद वेंटिलेटर पर है। करीब दो वर्ष पहले पावरग्रीड के द्वारा आइसीयू का निर्माण कराया गया। निर्माण पर करीब एक करोड़ 77 लाख खर्च किया गया था। आइसीयू के निर्माण होने के बाद करीब एक करोड़ से अधिक की मशीनें खरीदी गई जो एक-एक कर बेकार हो रही है। सांसद सुशील कुमार सिंह ने इसका उद्घाटन किया था। उद्घाटन के बाद जिले के लोगों को आइसीयू के लाभ का सपना दिखाया गया था पर आज जिले के लोगों का सपना पूरा नहीं हुआ। यहां के लोगों को आइसीयू का लाभ नहीं मिला। करोड़ों रुपये पानी में चला गया। दरअसल आइसीयू संचालन के लिए इसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों के अलावा प्रशिक्षित नर्स एवं अन्य कर्मियों की जरूरत होती है। बिना चिकित्सक एवं कर्मियों की तैनाती के इसका उद्घाटन किया गया। परिणाम हुआ कि उद्घाटन के बाद जो ताला लगा आज तक नहीं खुला है। यहां के जनप्रतिनिधि इसे चालू कराने के प्रति उदासीन हैं। कोई कोशिश नहीं किया। आइसीयू के संचालन के लिए डीएम के द्वारा कई पत्र स्वास्थ्य विभाग के सचिव एवं प्रधान सचिव को लिखा गया फिर भी आइसीयू चालू नहीं हो सका। बता दें कि यह शहर जीटी रोड के किनारे हैं और प्रतिदिन सड़क दुर्घटनाएं होती है। दुर्घटना में घायल होने वाले लोग इलाज के बिना दम तोड़ देते हैं। अगर आइसीयू की सुविधा होती तो शायद घायलों को इसका लाभ देकर जान बचाया जा सकता है। डीपीएम कुमार मनोज ने बताया कि डीएम के पत्र पर विभाग ने आइसीयू के लिए करीब दो माह पहले दो चिकित्सकों की तैनाती की थी। दोनों चिकित्सक यहां योगदान नहीं दे सकें। चिकित्सकों के योगदान नहीं देने से आइसीयू सेवा शुरु नहीं हो सकी है। इसे चालू कराने का प्रयास जारी है।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप