खतरे में है ऐतिहासिक उमगा मंदिर का अस्तित्व
औरंगाबाद। मदनपुर प्रखंड के उमगा पहाड़ पर स्थित ऐतिहासिक, धार्मिक एवं पौराणिक सूर्य मंि
औरंगाबाद। मदनपुर प्रखंड के उमगा पहाड़ पर स्थित ऐतिहासिक, धार्मिक एवं पौराणिक सूर्य मंदिर का अस्तित्व खतरे में है। जमीन से करीब 100 फीट उपर हरे भरे पहाड़ पर स्थित मंदिर का पत्थर दरक गया है। कई पत्थर खिसक गए हैं। मंदिर के गुंबद के नीचे कई पत्थरों में दरार उभर आया है। पत्थरों के खिसकने से मंदिर में उभरा दरार बढ़ता जा रहा है। मंदिर के पत्थरों पर घास उग आया है। मंदिर का समुचित संरक्षण एवं सफाई न होने से यह हालात उत्पन्न हुआ है। समय रहते अगर मंदिर का संरक्षण नहीं हुआ तो कभी भी संतुलन खो सकता है और मंदिर को बड़ा नुकसान हो सकता है। यह मंदिर पुरातात्विक महत्व वाले धरोहर में शामिल है। यहां आज के समय में काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं और मंदिर में दर्शन करते हैं। वसंत पंचमी के अवसर पर हर वर्ष मेला लगता है। मंदिर लाखों श्रद्धालुओं का आस्था का केंद्र है पर आज उपेक्षित है। यही कारण है कि मंदिर का अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। कहा जाता है कि पहाड़ पर कई मंदिर थे जो संरक्षण के अभाव में ध्वस्त हो चुके हैं। आज ध्वस्त मंदिरों का केवल अवशेष दिखता है। यह मंदिर जिला ही नहीं राज्य की धरोहर में शामिल है और जिला प्रशासन एवं पर्यटन विभाग के द्वारा हर वर्ष उमंगेश्वरी महोत्सव मनाया जाता है। महोत्सव के नाम पर सांस्कृतिक कार्यक्रम व सजावट समेत अन्य मद में करीब 20 लाख राशि खर्च की जाती है पर मंदिर के संरक्षण पर खर्च नहीं होती है। मंदिर कमिटी के अध्यक्ष बालमुकुंद पाठक के अनुसार मंदिर काफी पौराणिक है। मंदिर को सरकार स्तर से संरक्षण की जरूरत है। बीडीओ कनिष्क कुमार ने बताया कि मंदिर के पत्थरों में दरार उभर आया है। पत्थरों पर घास उग गया है। सफाई कराने की कार्रवाई की जा रही है। प्रखंड प्रमुख रीना देवी ने बताया कि मंदिर में उभरे दरार को देखा गया है। शीघ्र मरम्मत एवं सफाई नहीं कराया गया तो मंदिर को बड़ा नुकसान हो सकता है। आज मंदिर के कारण ही महोत्सव का आयोजन होता है। मेला लगता है। हर वर्ष लाखों श्रद्धालु आते हैं। कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मंदिर को देखे हैं और संरक्षण की जरूरत बता चुके हैं। मंदिर के विकास के लिए तत्कालीन मुख्य सचिव अंजनी कुमार ¨सह को कई निर्देश भी दिए थे।