Move to Jagran APP

समेकित किसानी में आर्थिक समृद्धि की कहानी रच रहे किसान

औरंगाबाद। देव प्रखंड के बिजौली गांव के किसान दुदुन सिंह समेकित किसानी से आर्थिक समृद्धि की कहानी रच रहे हैं। बेहतरीन खेती कर न सिर्फ अपनी आय बढ़ा रहे हैं बल्कि किसानी से अपना सपना साकार कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 10:23 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 10:23 PM (IST)
समेकित किसानी में आर्थिक समृद्धि  की कहानी रच रहे किसान
समेकित किसानी में आर्थिक समृद्धि की कहानी रच रहे किसान

औरंगाबाद। देव प्रखंड के बिजौली गांव के किसान दुदुन सिंह समेकित किसानी से आर्थिक समृद्धि की कहानी रच रहे हैं। बेहतरीन खेती कर न सिर्फ अपनी आय बढ़ा रहे हैं बल्कि किसानी से अपना सपना साकार कर रहे हैं। पेशे से अधिवक्ता दुदुन समेकित किसानी के लिए करीब दो एकड़ में कृषि फार्म बना रखे हैं। फार्म में समेकित कृषि प्रणाली के तहत खेती की है। मछली, मुर्गी के साथ डेयरी के लिए पाले हुए गाय करीब डेढ़ बिगहा में दो तालाब बनाकर उसमें मछली का पालन किए हैं। मछली के अलावा बकरी व मुर्गा पालन और डेयरी के लिए गाय रखे हुए हैं। कृषि फार्म में हर सीजन की सब्जी का उत्पादन करते हैं। हालांकि कृषि फार्म बनाए हुए अभी एक वर्ष भी नहीं हुआ है। पर, कृषि फार्म से आमदनी शुरू हो गई है। अभी हर माह करीब 10 से 15 हजार की आमदनी हो रही है। आगे करीब पांच से छह लाख रुपये आमदनी होने की उम्मीद है। वकालत के साथ-साथ करते हैं खेती पेशे से अधिवक्ता किसान कोर्ट में वकालत का कार्य कम खेती में ही अधिक समय व्यतीत करते हैं। इनकी सफल किसानी देखने प्रतिदिन दूसरे गांव व प्रखंड के किसान पहुंचते हैं और कृषि फार्म में खेती की जानकारी लेते हैं। किसान दुदुन ने बताया कि वे करीब दस बिगहा में रबी एवं खरीफ फसल की खेती किए हुए हैं। खेती से अच्छी आय नहीं होने के कारण समेकित कृषि करने का मन बनाकर करीब दो एकड़ में कृषि फार्म बनाया और इसी में तालाब बनाकर मछली के अलावा मुर्गा, बकरी का पालन करना शुरू किया है। इसके अलावा सब्जी और पपीता की खेती की है। किसान ने बताया कि पपीता तैयार हो गया है और हर दिन करीब 15 से 20 किलो पका हुआ पपीता बाजार में 40 रुपये प्रति किलो से बिक रहा हैं। सीजन के हिसाब से करते हैं सब्जी की खेती बताया कि हर सीजन में मौसम और सीजन के अनुसार सब्जी की खेती करते हैं। कृषि फार्म में केले की खेती भी करते हैं। फार्म में उपजने वाली सब्जी जिला मुख्यालय के बाजार में बिकती है। मछली कृषि फार्म में ही बिक जाती है। यू-ट्यूब के माध्यम से सीखते रहते हैं किसानी के गुर बताया कि किसानी के गुर यू-टयूब चैनल से भी हमेशा सीखते व कुछ जानकारी प्राप्त करते हैं। किसानी की विधि और कैसे उसकी देखभाल करना है इत्यादि। अधिवक्ता बताते हैं कि कृषि फार्म में समेकित कृषि से अच्छी आय प्राप्त की जा सकती है। क्या कहते हैं कृषि पदाधिकारी उधर जिला कृषि पदाधिकारी अश्वनी कुमार ने बताया की कृषि विभाग के द्वारा किसानों को रबी और खरीफ फसल के अलावा समेकित कृषि प्रणाली के तहत खेती करने के लिए जागरूक किया जाता है। प्रशिक्षण भी दिया जाता है। जबतक किसान धान और गेहूं के अलावा सब्जी की खेती, मछली का पालन और डेयरी का धंधा नहीं करेंगे अच्छी आमदनी नहीं प्राप्त कर सकते हैं।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.