अपनी जमीन से रेल ट्रैक नहीं जाने देंगे किसान
औरंगाबाद। एनपीजीसी बिजली परियोजना के पूर्व मध्य रेलवे के बड़की सलैया स्टेशन से अंकोरहा स्ट
औरंगाबाद। एनपीजीसी बिजली परियोजना के पूर्व मध्य रेलवे के बड़की सलैया स्टेशन से अंकोरहा स्टेशन तक निर्माण हुए रेल ट्रैक के जमीन का मुआवजा भुगतान किसानों को नहीं मिला है। विस्थापित किसानों ने कहा कि परियोजना के द्वारा बिना मुआवजा भुगतान के ट्रैक का निर्माण कराया गया है। किसानों ने परियोजना के अधिकारियों पर मंगलवार की रात किसानों को धोखा देकर परियोजना में कोयला रैक ले जाने का आरोप लगाया है। बताया कि परियोजना व जिला प्रशासन के अधिकारियों के द्वारा बराबर धोखा एवं आश्वासन देकर रात में रेल परियोजना तक किसानों के जमीन मे रेल कॉरीडोर का निर्माण कार्य कराया गया है। किसान अपनी जमीन की हिफाजत के लिए भूमि का सीमा बता कर रेल ट्रैक पर बैठे हुए है। किसान परियोजना में कोयला लेकर गए रेल रैक को बाहर नहीं निकलने दे रहे है। रेलवे ट्रैक पर बैठे विस्थापित प्रभावित किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष अरुण कुमार ¨सह ने बताया कि परियोजना के द्वारा पूर्व में किसानों के भूमि का अधिग्रहण किसानों को नौकरी दिया गया है। परियोजना के अधिकारियों के द्वारा किसानों के ऊपर भूमि का अधिग्रहण करने के बजाय रजिस्ट्री कराने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। किसानों ने बताया कि हम सभी किसान आत्मदाह कर लेंगे, लेकिन रजिस्ट्री नहीं करेंगे। अधिग्रहण को लेकर एनपीजीसी एवं जिला प्रशासन किसानों से किसी भी तरह का वार्ता नहीं कर रहे है। किसान हताश और निराश होकर उच्च न्यायालय पटना में बिहार सरकार के अधिकारी एवं एनपीजीसीएल के अधिकारी के उपर मुकदमा किया है। जो अभी लंबित है। संबंध में जिला प्रशासन व एनपीजीसी प्रबंधन को पांच अप्रैल को उच्च न्यायालय पटना द्वारा सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित किया है। किसानों ने बताया कि 29 दिसंबर को रेल ट्रैक निर्माण के दौरान किसानों ने रोक लगाया था। किसानों ने बताया कि अगर जिला प्रशासन व एनटीपीसी प्रबंधन किसानों पर बेवजह जुल्म करेंगे, तो किसान आत्मदाह करने के लिए बाध्य होंगे। रेलवे ट्रैक पर बैठे विस्थापित किसान पेट्रोल एवं मिट्टी तेल लेकर रेल ट्रैक पर जमे हुए है।इंटक यूनियन संगठन के अध्यक्ष वरुण कुमार ¨सह, सचिव सितु ¨सह, संतोष कुमार ¨सह, भोला ¨सह, नकुल ¨सह उपस्थित रहे।