देव सूर्य मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़
देश प्रसिद्ध ऐतिहासिक देव सूर्य मंदिर में आद्रा के पहले रविवार को भगवान सूर्य के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ रही। सुबह से ही मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। भगवान सूर्य के जयघोष से मंदिर परिसर गुंजायमान रहा। भीड़ को नियंत्रण करने के लिए जिला पुलिस की तैनाती की गई थी। पुरुष एवं महिला सिपाही सुरक्षा में तैनात रहे। कतार में खड़े होकर श्रद्धालुओं ने मंदिर में दर्शन किया। औरंगाबाद के अलावा गया रोहतास अरवल जहानाबाद एवं झारखंड के पलामू समेत अन्य जिलों से श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे थे। मंदिर में भगवान सूर्य तीन स्वरूपों में विराजमान हैं।
औरंगाबाद । देश प्रसिद्ध ऐतिहासिक देव सूर्य मंदिर में आद्रा के पहले रविवार को भगवान सूर्य के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ रही। सुबह से ही मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। भगवान सूर्य के जयघोष से मंदिर परिसर गुंजायमान रहा। भीड़ को नियंत्रण करने के लिए जिला पुलिस की तैनाती की गई थी। पुरुष एवं महिला सिपाही सुरक्षा में तैनात रहे। कतार में खड़े होकर श्रद्धालुओं ने मंदिर में दर्शन किया। औरंगाबाद के अलावा गया, रोहतास, अरवल, जहानाबाद एवं झारखंड के पलामू समेत अन्य जिलों से श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे थे। मंदिर में भगवान सूर्य तीन स्वरूपों में विराजमान हैं। ऐसी मान्यता है कि तीन स्वरूपी भगवान सूर्य के दर्शन मात्र से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। देव सूर्य मंदिर न्यास समिति के सचिव कृष्णा चौधरी ने बताया कि करीब एक लाख श्रद्धालुओं ने भगवान सूर्य के दर्शन किए। भीड़ के कारण देव की सड़कें जाम रही। दर्शन करने पहुंचे शिक्षक अशोक पांडेय, प्रमोद कुमार एवं संतोष कुमार ने बताया कि आद्रा में यहां भक्तों की भीड़ रहती है। दूर से श्रद्धालु मंदिर में दर्शन करने पहुंचते हैं। महिला श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ देखी गई।
सावन आने से पहले मेले की तैयारी पर मंथन
औरंगाबाद । शहर के प्रियव्रत पथ स्थित आइएमए हाल में रविवार को बाबा वैद्यनाथ भाष्कर सेवा समिति की बैठक हुई। मुख्य अतिथि 12 ज्योर्तिलिग की यात्रा कर चुके केशरी नंदन शामिल हुए। बैठक में कांवरियों की सेवा में शिविर लगाने का निर्णय लिया गया। समिति के सदस्य जयनंदन पांडेय ने बताया कि शिविर का आयोजन कांवरिया पथ सरासनी भूत बंगला देवघर में 13 वर्षों से होता आ रहा है। सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर बाबा भोलेनाथ को जल अर्पण करने वाले कांवरियों को निशुल्क भोजन, नाश्ता, दूध, फलाहार, शुद्ध पेयजल, नींबू एवं दूध चाय, गरम पानी, चिकित्सा सेवा, रात्रि विश्राम, अत्याधुनिक मशीनों द्वारा दर्द निवारण की व्यवस्था की जाएगी। यह व्यवस्था बाबा भगवान भोलेनाथ की मंदिर से पांच किलोमीटर की दूरी पर है। बताया कि शिविर अंतिम पड़ाव है जब शिव शिवभक्त नंगे पांव करीब 100 किलोमीटर की यात्रा करके भूत बंगला के पास पहुंचते हैं और उनकी हालत अत्यंत नाजुक होती है। हौसले पस्त हो जाते हैं पैरों में बड़े-बड़े छाले पड़ जाते हैं उस परिस्थिति में शिविर के सदस्य उनकी सेवा करते हैं। मंदिर तक पहुंचाने में मदद करते हैं। बताया कि केसरी नंदन पैदल कांवर यात्रा करके 12 ज्योतिर्लिंग पर जल अर्पण किए हैं एवं 3000 किलोमीटर का नर्मदा परिक्रमा पैदल चलकर किए हैं जिनकी उपस्थिति पूरे सावन मास सेवा शिविर में रहेगी। अरुण कुमार, विजय पांडेय, बैद्यनाथ कुमार, सुधीर कुमार, विजय पांडेय, डा. विनोद कुमार सिंह, राम प्रकाश सिंह शामिल रहे।