Move to Jagran APP

नक्सल इलाके में विकास की है जरूरत : एसपी

जसोइया औद्योगिक परिसर स्थित एलआइसी कार्यालय में स्थापना दिवस मनाया गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Sep 2017 03:07 AM (IST)Updated: Sat, 02 Sep 2017 03:07 AM (IST)
नक्सल इलाके में विकास की है जरूरत : एसपी
नक्सल इलाके में विकास की है जरूरत : एसपी

औरंगाबाद। जसोइया औद्योगिक परिसर स्थित एलआइसी कार्यालय में स्थापना दिवस मनाया गया। उद्घाटन एसपी डॉ. सत्यप्रकाश एवं मुख्य प्रबंधक प्रभात रंजन शंकर ने दीप प्रज्जवलित कर की। एसपी ने कहा कि आज एलआइसी अपना 61वां स्थापना दिवस मना रहा है। हमें भ्रष्टाचार मुक्त समाज बनाने का संकल्प लेने की जरूरत है। नक्सल इलाके के विकास पर जोर दिया। कहा कि इसके लिए एलआइसी का योगदान जरूरी है। एलआइसी के पास अभिकर्ताओं की लंबी फौज है। अभिकर्ता सुदूर ग्रामीण इलाके में जाते हैं। वे लोगों को रोजगार के लिए प्रेरित करें। जब नक्सल इलाके के ग्रामीण रोजगार से जुड़ेंगे तो वे अपने परिवार का भरण पोषण सही तरीके से कर सकते हैं। एसपी ने कहा कि एलआइसी लोगों में अपनी ईमानदारी का विश्वास जगाया है। यहीं कारण है कि यह अग्रसर है। आज यह देश के सबसे अधिक युवाओं को रोजगार देने वाली कंपनी में शामिल हुआ है। अभिकर्ताओं को गरीबों के उत्थान में आगे आने का आह्वान किया। मुख्य प्रबंधक ने कहा कि आमजन का विश्वास हमारी पूंजी है। एक से सात सितंबर तक मनाए जाने वाले बीमा सप्ताह के बारे में जानकारी दी। कहा कि इस दौरान लोगों को एलआइसी के बारे में बताया जाएगा। एलआइसी देश और समाज के विकास के लिए काम कर रही है। प्रबंधक आरपी यादव ने कहा एलआइसी आज भारत ही नहीं विदेशों में काम कर रही है। एक लाख 15 हजार कर्मी हैं। 11 लाख अभिकर्ता काम कर रहे हैं। रेलवे के बाद दूसरा देश का कारपोरेशन है। विकास अधिकारी संजय कुमार ¨सह ने एलआइसी पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। अभिकर्ता मनोज कुमार ¨सह ने संबोधित किया। संचालन संजीव कुमार मिश्रा एवं धन्यवाद ज्ञापन विकास अधिकारी केके ¨सह ने की।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.