नहाय खाय के साथ छठ महापर्व शुरू, खरना कल
कोरोना का संकट दूसरी बार चैती छठ पर हावी हो गया है। पिछली दफा संपूर्ण लॉकडाउन था।
दाउदनगर (औरंगाबाद)। कोरोना का संकट दूसरी बार चैती छठ पर हावी हो गया है। पिछली दफा संपूर्ण लॉकडाउन था। इस बार सभी धार्मिक स्थल आम लोगों के लिए बंद हैं। इस कारण व्रत का सामूहिक आयोजन कहीं नहीं हो सकता। इस पर प्रशासन का प्रतिबंधित है। ऐसे में आप व्यक्तिगत तौर पर इंतजाम कर छठ महापर्व मनाएं।
शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ महापर्व की शुरुआत हुई। शनिवार को खरना है। दिनभर व्रत रखकर शाम में व्रतियां खीर-पुड़ी बनाएंगी। प्रसाद ग्रहण करने के बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू होगा। आचार्य पंडित लाल मोहन शास्त्री के अनुसार रविवार की शाम 6.20 बजे के पूर्व प्रथम अर्ध्य दान होगा। सोमवार प्रात: 5.33 बजे द्वितीय अर्घ्य दान के बाद पारण के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व संपन्न हो जाएगा। आरोग्यता के लिए है सूर्य की उपासना
सूर्य उपासना का अनुष्ठान विशेष रूप से मगध में ही मनाया जाता है। आरोग्यता के लिए ऐसा करने का शास्त्रीय निर्देश है। सनातन धर्म में वैदिक काल से सूर्य उपासना की परम्परा है। आद्य जगद गुरु शंकराचार्य पंच देवता की पूजा अर्चना पर विशेष महत्व दिए हैं। प्रारंभ काल से मगध में सूर्य उपासना करने की परम्परा है। यहां प्रथम सूर्य व्रत च्यवन ऋषि की पत्नी सुकन्या की थी। दाउनगर अनुमंडल के महत्वपूर्ण सूर्य मंदिर
मायर दाउदनगर, निम्नही टार गोह, तालाब गोह, देवकुंड, दधपी गोह, देवहरा, भरारी, कोइलवां, घाट चनहट, हसपुरा, धमनी, तिलकपूरा, टाल हसपुरा, जैतपुर, पिपरा, काली घाट दाउदनगर, कझवां ओबरा, जिनोरिया, जीनोरिया, जलालपुर इटवा हसपुरा, ओबरा मुख्यालय, अरई, बिरई, ऊब, कनाप, हरदन बिगहा ओबरा, भरूब समेत अनुमंडल में कई सूर्य मंदिर हैं। -------------------
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