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प्रखंड कार्यालयों में शौचालय नहीं, ओडीएफ का ¨ढढोरा

औरंगाबाद। स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर घर को शौचालय युक्त एवं खुले में शौचमुक्त अभियान युद्ध स्

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Dec 2018 06:27 PM (IST)Updated: Thu, 13 Dec 2018 06:27 PM (IST)
प्रखंड कार्यालयों में शौचालय नहीं, ओडीएफ का ¨ढढोरा
प्रखंड कार्यालयों में शौचालय नहीं, ओडीएफ का ¨ढढोरा

औरंगाबाद। स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर घर को शौचालय युक्त एवं खुले में शौचमुक्त अभियान युद्ध स्तर पर चलाया जा रहा है। प्रशासन द्वारा इसकी लगातार समीक्षा की जा रही है। अधिकारी सुबह होते ही गांव की ओर ग्रामीणों को जागरूक करने निकल जा रहे हैं। खुद ग्रामीणों की शौचालय के लिए गड्ढा खोद रहे हैं। इसमें साहब से लेकर हुजूर तक प्रतिदिन मेहनत कर रहे हैं। समारोह आयोजित कर पंचायतों को ओडीएफ किया जा रहा है परंतु जिले के सभी प्रखंड मुख्यालय, अंचल कार्यालय एवं सरकारी कार्यालयों में सार्वजनिक शौचालय नहीं है। सरकारी कार्यालय इस महत्वपूर्ण अभियान को चुनौती देते हुए चिराग तले अंधेरा की कहावत चरितार्थ साबित कर रही है। अभियान को अमलीजामा पहनाने वाले कई सरकारी कार्यालय और प्रतिष्ठान ही खुद शौचालय से वंचित हैं। इससे सरकारी प्रतिष्ठानों पर आने वाले महिलाएं एवं पुरुष फरियादियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि सदर प्रखंड सह अंचल कार्यालय में एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं है। कार्यालय के अंदर जो शौचालय बने हैं वे केवल कर्मियों के लिए है। कार्य के लिए कार्यालय पहुंचे ग्रामीणों के लिए कोई सुविधा नहीं है। ग्रामीणों व नागरिकों के लिए शौचालय की सुविधा न होने से महिलाओं एवं पुरुषों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। प्रखंड कार्यालयों में अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए कार्यालय भवन या आवास में शौचालय की व्यवस्था तो है परंतु इन दफ्तरों में आने वाले नागरिकों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।

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बिन शौचालय कैसे ओडीएफ होगा जिला

प्रखंड कार्यालयों एवं अन्य सरकारी सरकारी कार्यालयों में सार्वजनिक शौचालय का न होना ओडीएफ के क्षेत्र में सवाल खड़ा करता है। जिले में 11 प्रखंड कार्यालय हैं परंतु एक में भी सार्वजनिक शौचालय नहीं है। बता दें कि सदर, बारुण, देव, गोह, हसपुरा, कुटुंबा, मदनपुर, नवीनगर, ओबरा एवं रफीगंज प्रखंड कार्यालय में सामुदायिक शौचालय नहीं है। यही नहीं दाउदनगर अनुमंडल एवं प्रखंड कार्यालय में भी शौचालय नहीं है। इन कार्यालयों में प्रतिदिन सैकड़ों ग्रामीण आते हैं पर इनके लिए कोई सुविधा नहीं है। पीने की पानी का योग्य व्यवस्था नहीं है। सभी जगह चापाकल लगा दिया गया है। अधिकतर चापाकल गर्मियों में जवाब दे देता है। अधिकारी इसके प्रति उदासीन है। दाउदनगर में वर्षों से शौचालय जर्जर हो गया था। यहां अधिकारियों द्वारा नए शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है।

प्रखंडों के सभी बीडीओ को एक सप्ताह के अंदर शौचालय बनाने का निर्देश दिया गया है। प्रखंड कार्यालयों में शौचालय अतिमहत्वपूर्ण है। संभावित तिथि 25 दिसंबर को जिला ओडीएफ घोषित किया जाना है। जिला ओडीएफ घोषित करने के पहले सभी सरकारी कार्यालयों में शौचालय का निर्माण करा लिया जाएगा।

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मुकेश कुमार सिन्हा

जिला पंचायती राज पदाधिकारी सह प्रभारी डीआरडीए निदेशक।


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