बिहटा-औरंगाबाद रेल परियोजना का होगा निर्माण
बिहटा-औरंगाबाद रेल लाइन का निर्माण शुरु होने वाला है। इसके निर्माण के लिए इलाके के लोगों को बेसब्री से इंतजार है। वर्ष 2007 में परियोजना का शिलान्यास होने के 12 वर्ष बीतने के बाद लगातार निर्माण की मांग हो रही है। परियोजना के निर्माण
औरंगाबाद। बिहटा-औरंगाबाद रेल लाइन का निर्माण शुरु होने वाला है। इसके निर्माण के लिए इलाके के लोगों को बेसब्री से इंतजार है। वर्ष 2007 में परियोजना का शिलान्यास होने के 12 वर्ष बीतने के बाद लगातार निर्माण की मांग हो रही है। परियोजना के निर्माण के लिए पिछले कार्यकाल की अंतरिम बजट में नयी रेल लाइन के निर्माण को लेकर 25 करोड़ रुपये आवंटित हुई थी। इसके अलावा बाकि राशि मुख्य बजट में मिलने की संभावना है ताकि निर्माण कार्य निर्धारित समय से पूरा किया जा सके। राशि आवंटित होने के नई रेल लाइन का रास्ता अब साफ दिख रहा है। हालांकि इसका प्राक्कलित राशि 2800 करोड़ रुपये है। नए बजट में भी भारतीय रेलवे के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पीपीपी मॉडल लाने की बात कहीं गई है जिससे उम्मीद बन रही कि इस नए कार्यकाल में इस परियोजना की कार्य आगे बढ़ेगी। बिहटा-औरंगाबाद रेल लाइन की लंबाई 118.45 किलोमीटर है। इस नई रेल लाइन का सर्वेक्षण कार्य पूर्व में पूरा किया जा चुका है। यह नई रेललाइन बिहटा और कोईलवर (पाली हॉल्ट) के बीच से निकलेगी। इस रेल लाइन पर 15 स्टेशन होंगे। बताया गया कि परियोजना का काम तीन चरणों में होना है। रेल लाइन के निर्माण से औरंगाबाद से पटना की दूरी दो से ढाई घंटे में तय हो सकेगी जो अभी पांच घंटे लगते हैं। पाटलिपुत्र के सांसद व पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री रामकृपाल यादव इसके लिए रेल मंत्री से मिल चुके हैं। बताया गया कि औरंगाबाद, भरथौली, अनुग्रह नारायण रोड,ओबरा, अरंडा, दाउदनगर, शमशेर नगर, राजा बिगहा, अरवल, बारा, पालीगंज, दुल्हिन बाजार, विक्रम, अमहारा एवं बिहटा में स्टेशन बनेगा। 326 से 2800 करोड़ की हुई परियोजना
118.45 किलोमीटर लंबी बिहटा-औरंगाबाद नई रेल लाइन परियोजना को 2007 में जब स्वीकृति मिली थी तब इसकी लागत 326 करोड़ रुपये अनुमानित थी। इसे 2011-12 तक पूरा किया जाना था, लेकिन भूमि अधिग्रहण का मुद्दा नहीं सुलझ पाने के कारण परियोजना धरातल पर नहीं उतर सकी। जब केंद्रीय बजट में मात्र 25 करोड़ दिया गया तो रेलवे लाइन संघर्ष समिति के संजोयक मंडल सदस्य अजय कुमार ने बताया था कि प्राक्लित राशि 2800 करोड़ रुपये है पर 25 करोड़ दिया गया जो इस परियोजना के लिए काफी कम है। इतनी कम राशि में निर्माण संभव नहीं है। विदित हो कि बिहटा-औरंगाबाद रेलवे लाइन संघर्ष समिति ने इस परियोजना के लिए पूर्व में महापदयात्रा, रेल रोको आंदोलन, बिहटा में रेलवे लाइन जाम,दानापुर मंडल के समक्ष धरना, हाजीपुर में घेराव, दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना सहित कई आंदोलन किए गए थे। लालू यादव ने किया था शिलान्यास
वर्ष 16 अक्टूबर 2007 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव द्वारा पालीगंज में उक्त रेल लाइन का शिलान्यास किया गया था। 12 वर्ष बाद 25 करोड़ राशि मिलने के बाद इसके निर्माण की उम्मीद जगी है। सबसे पहले आरासे सांसद रहे चंद्रदेव प्रसाद वर्मा ने 1980 में बिहटा स्टेशन से अनुग्रह नारायण रोड तक नई रेल का मुद्दा उठाया था। वर्ष 2004 में तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार ने अरवल में एक कार्यक्रम के दौरान बिहटा-औरंगाबाद रेल लाइन का निर्माण कराने की घोषणा की थी। 16 अक्टूबर 2007 को तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद ने पालीगंज में परियोजना का शिलान्यास किया था।