अनशन पर बैठे दो बंदियों की हालत बिगड़ी
औरंगाबाद। रामनवमी जुलूस के दौरान शहर में हुए उपद्रव मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजे गए आरोपित जेल में
औरंगाबाद। रामनवमी जुलूस के दौरान शहर में हुए उपद्रव मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजे गए आरोपित जेल में गुरुवार से अनशन पर बैठे थे। शुक्रवार को अनशन पर बैठे बंदियों की हालत बिगड़ गई। बराटपुर धरनीधर रोड निवासी संजय कुमार सिन्हा के पुत्र राहुल राज एवं मृत्युंजय ¨सह के पुत्र नीतीश ¨सह का प्राथमिक उपचार जेल चिकित्सक के द्वारा किया गया। स्थिति बिगड़ने पर दोनों को जेल से सदर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। चिकित्सक डा. सरताज अहमद ने उपचार के बाद कैदियों को वार्ड में भर्ती कर लिया है। दोनों बंदियों ने कहा कि हमें बेवजह जेल भेजा गया है, हम जान दे देंगे। पुलिस द्वारा निर्दोष शिक्षकों, प्रोफेसर, छात्र एवं मजदूरों को पकड़कर जेल भेजा गया है। प्रशासन बिना सबूत के निर्दोष लोगों को गिरफ्तार किया है। बताया कि अगर जुलूस में जाना गलत है तो उसमें शामिल जनप्रतिनिधियों पर प्राथमिकी दर्ज कर जेल भेजें। अजय कुमार अपनी बहन की शादी का कार्ड बांटने जा रहा था तो उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। बंदियों ने कहा कि मेरे खिलाफ किसी तरह का कोई मामला दर्ज नहीं है। पुलिस ने बेवजह पकड़कर जेल भेज दिया है। जेल में मुखिया सुजीत ¨सह, विकास ¨सह, टनटन ¨सह, खुर्शीद अहमद, राकेश कुमार, रंजन कुमार, सुमित कुमार एवं अविनाश कुमार समेत 48 बंदी अनशन पर बैठे थे। जेल पहुंच डीएम ने तोड़वाया अनशन
औरंगाबाद : दो दिनों से जेल में 48 बंदी अनशन पर बैठे थे। उपद्रव मामले में जेल गए बंदी अपने को निर्दोष बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे थे। बंदी सुजीत कुमार ¨सह एवं खुर्शीद अहमद के नेतृत्व में बंदी अनशन पर बैठे थे। जेल अधीक्षक भोलानाथ ¨सह ने बताया कि अनशन पर बैठे बंदी सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक किए जाने की मांग कर रहे हैं। बंदियों का कहना है कि हम निर्दोष हैं हमें बेवजह जेल भेज दिया गया। सीडी उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं। बंदियों के अनशन की सूचना पर डीएम राहुल रंजन महिवाल जेल पहुंच बंदियों से बात की। उनकी मांगों पर विचार का भरोसा दिया। कहा कि आपकी मांग पर विचार किया जाएगा। डीएम के आवश्वासन के बाद बंदियों ने अनशन समाप्त कर दिया। डीएम ने अनशन पर बैठे खैरा ¨बद पंचायत मुखिया सुजीत कुमार ¨सह को शरबत पिलाकर अनशन तोड़वाया। बाद में जेल अधीक्षक ने सभी बंदियों को शरबत पिला अनशन खत्म कराया।