कचड़े के ढेर के बीच रहना नागरिकों की मजबूरी
औरंगाबाद। शहर में कचड़े का अंबार लगा है। कहने को तो प्रत्येक दिन सफाई होती है परंतु कागज पर अधिक धरात
औरंगाबाद। शहर में कचड़े का अंबार लगा है। कहने को तो प्रत्येक दिन सफाई होती है परंतु कागज पर अधिक धरातल पर कम। गली-मोहल्लों में गंदगी फैला रहता है परंतु ध्यान देने वाला कोई नहीं है। कचड़ों के ढेर के बीच नागरिकों का रहना मजबूरी है। सब्जी बाजार, कर्मा रोड, महाराजगंज रोड, न्यू एरिया, सत्येंद्र नगर, रामराज्य नगर एवं नावाडीह जैसे प्रमुख मुहल्लों में कचड़े का अंबा लगा रहता है। नगर परिषद के द्वारा शहर में कई जगहों पर कूड़ादान लगाया गया है परंतु कुछ कूड़ादान टूट गए है तो कुछ जैसे-तैसे बिखरे पड़े है। शहर के इक्के-दूक्के स्थानों पर एनजीओ द्वारा सफाई की जाती है। गंदगी की शिकायत नागरिक करते हैं परंतु सफाई नहीं होती है। सब्जी बाजार के पास गंदगी का अंबार लगा रहता है। यहां दुर्गंध से रहना मुश्किल हो गया है। बीमारी फैलने की आशंका बनी रहती है।
गंदगी से उठते रहता है दुर्गंध
प्रमुख सड़क हो या शहर के मोहल्ले कूड़े के ढेर से उठते दुर्गंध से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। शहर में सफाई व्यवस्था का इंतजाम नाकाम साबित हो रहा है। शहर के कई मोहल्ले मे नालियां बजबजा रही है। नगर परिषद संसाधनों के कमी का रोना रो रहा है। आम लोगों में जागरूकता की कमी देखी जा रही है। नगर परिषद प्रशासन सफाई का लाख दावा करे लेकिन हालात बदतर है। मोहल्ला और सड़कों पर कूड़ा नही उठने से दुर्गंध उठता है। शहर के ऐसे कई जगह हैं, जहां से गुजरने वाले लोगों को नाक को छिपाना पड़ता है। नागरिक अमित राज, सत्येंद्र नगर निवासी अर्जुन कुमार, सब्जी व्यवसायी सुरेश ठाकुर, अनूप राम, विश्वकर्मा कुमार एवं सोनू कुमार ने बताया कि यहां गंदगी से दुर्गंध आते रहता है। जब कचड़ा सड़ जाता है तब नगर परिषद के द्वारा ले जाया जाता है। कहते हैं कार्यपालक पदाधिकारी -
कार्यपालक पदाधिकारी विमल कुमार ने बताया कि प्रत्येक दिन गली-गली घूमकर नगर परिषद के कर्मियों द्वारा कचड़ा उठाया जा रहा है। शहर के हर मोहल्लों में कूड़ादान से कचड़ा उठाया जा रहा है। पूरे शहर को स्वच्छ रखने को लेकर नगर परिषद के कर्मी हमेशा तैयार रहते हैं।