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देखते ही देखते छूट गया तीन चचेरे भाइयों का साथ

अरवल। कुछ ही घंटे पहले तक वे तीनों तिलक समारोह में जश्न मना रहे थे लेकिन इस थोड़े से फासले ने हमेशा हमेशा के लिए साथ छोड़ दिया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 May 2019 12:26 AM (IST)Updated: Thu, 09 May 2019 06:26 AM (IST)
देखते ही देखते छूट गया तीन चचेरे भाइयों का साथ
देखते ही देखते छूट गया तीन चचेरे भाइयों का साथ

अरवल। कुछ ही घंटे पहले तक वे तीनों तिलक समारोह में जश्न मना रहे थे लेकिन इस थोड़े से फासले ने हमेशा हमेशा के लिए साथ छोड़ दिया। तिलक समारोह में साथ गए अन्य लोग इन तीन चचेरे भाईयों की मौत से कहीं न कहीं इसी बात को सोचकर गमजदा हो रहे थे। गांव से सभी लोग बड़े ही तामझाम के साथ निकले थे। पूरी रात लोग व्यवस्था का आनंद भी लिए लेकिन इन तीन युवक अपने साथ गए परिजनों तथा ग्रामीणों को वहां छोड़ घर पहले जाने की चाहत में पहले ही निकल पड़े। लेकिन कुदरत की नीयति कुछ और ही थी। वे लोग घर तो नहीं पहुंचे बल्कि सदा सदा के लिए इस दुनिया को छोड़ कर चले गए। उनलोगों के साथ तिलक में आए लोग इस बात को लेकर फफक रहे थे कि इन तीनों के घर का अब क्या होगा। मृतक दयाशंकर, राजेंद्र तथा छोटन रिश्ते में चचेरे भाई थे। वे सभी अपने मां-बाप के एकलौते संतान भी बताए जाते हैं। यही कारण था कि उनलोगों के साथ तिलक में आने वाले अन्य लोगों को हिम्मत जवाब दे रहा था कि आखिर इस मनहूस खबर की जानकारी गांव तक कैसे पहुंचाएं। इस खुशी के माहौल में लोग थे कि अचानक ऐसी आफत आ गई कि हर कोई इससे स्तब्ध हो गया। बताते चलें कि वे लोग पटना जिले के सिगोड़ी थाना क्षेत्र के नुरचक गांव से कलेर थाना क्षेत्र के समहरिया गांव में तिलक समारोह में शामिल होने के लिए आए थे। अहले सुबह तीनों युवक घर जाने के लिए निकले थे। इसी बीच महेंदिया थाना क्षेत्र के बलिदाद कब्रिस्तान के समीप हाइवा की चपेट में आने से मौके पर ही तीनों की मौत हो गई। तिलक में गए अन्य लोग भी विदाई के उपरांत वापस लौट ही रहे थे। ज्योंहि उनलोगों को रास्ते में इसकी जानकारी मिली उनलोगों की तो होश ही उड़ गया। इसे कुदरत की क्रूर मजाक कहें या फिर असावधानी का प्रतिफल। मृतकों के दादा तथा चाचा शवों के समीप बैठे हुए थे। वे लोग लगभग सुधबुध खो बैठे थे। तिलक समारोह से लौट रहे अन्य परिजन तथा ग्रामीण भी गमगीन मुद्रा में खेत के मेढ़ पर बैठे थे। इनमें कई बड़े बुजुर्ग भी शामिल थे।

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