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छह बीघे रकबा का तालाब सिमटा दो बीघे में

अरवल। जल संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला सदर प्रखंड के भदासी गांव अवस्थित विशाल तालाब अब अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Mar 2019 12:44 AM (IST)Updated: Fri, 15 Mar 2019 12:44 AM (IST)
छह बीघे रकबा का तालाब सिमटा दो बीघे में
छह बीघे रकबा का तालाब सिमटा दो बीघे में

अरवल। जल संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला सदर प्रखंड के भदासी गांव अवस्थित विशाल तालाब अब अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है। अरवल-जहानाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 110 से सटे अवस्थित इस तालाब को यदि जीर्णोद्धार कर सौंदर्यीकरण किया जाए तो काफी रमणीय ²श्य देखने को मिलेगा। विशाल बड़े सूर्य मंदिर के समीप अवस्थित इस तालाब को लोक काफी पवित्र मानते थे। लेकिन वर्तमान समय में कुड़े कचड़े की ढेर के कारण इसकी पवित्रता समाप्त होते चली गई। कभी यह छह बीघे रकवे में फैला था। लेकिन ग्रामीणों के अतिक्रमण के कारण अब यह महज दो बीघे में ही सिमट कर रह गया है। बरसात के दिनों में इस विशाल तालाब में पानी संचय होता था। जिसका उपयोग किसान अन्य दिनों में खेते के सिचाई मे करते थे। बताते चले कि जब सोन नहर से अधिक पानी छोड़ा जाता है तो इस इलाके में पानी का प्रवाह काफी तेज हो जाता है। ऐसे में यह तालाब जल संचय के साथ साथ पानी की प्रवाह को भी कम कर फसल के नुकसान रोकने में अपनी भूमिका निभाता रहा है। लेकिन लगातार बदहाली के कारण अब इसमें जल संचय करने की अधिक क्षमता नहीं रह गया है। यदि इसी तरह इस तालाब का अतिक्रमण होता रहेगा तो निकट भविष्य में इसका अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। सूर्यमंदिर के सटे होने के कारण लोक आस्था के महापर्व छठ में यहां श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ती है। हालांकि आस्था के महापर्व में तालाब की साफ सफाई जरुर की जाती है। लेकिन इसके बाद इसका सुधी लेने वाला कोई नहीं होता। स्थानीय लोग यह जानते हैं कि उसके खेतों के लहलहाते फसल के साथ-साथ भू जल स्तर को बनाए रखने में इस तालाब की महत्वपूर्ण भूमिका है। लेकिन वे लोग अपने क्षणिक लाभ के लिए तालाब के भूभाग को अपने खेतों का हिस्सा बनाने में जुटे हैं। सबकुछ जानते और समझते हुए भी लोगों का यह कार्य जल संचय के लिए चितित समाज के सामने एक बड़ा प्रश्न खड़ा करता है कि आखिर लोग जब स्वयं ही इसके रख रखाव के लिए जागरुक नहीं होंगे तो शासन प्रशासन के द्वारा चलाए जा रहे योजनाओं से कितना कल्याण हो सकता है। हालांकि तालाब की इस हालात पर स्थानीय प्रशासन की भी दया ²ष्टि पड़ी है परिणामस्वरुप इधर कुछ दिनों इसका उड़ाही मनरेगा के द्वारा कराया जा रहा है।

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