बस पड़ाव नहीं रहने से यात्रियों को हो रही परेशानी
पर्याप्त सरकारी भूमि उपलब्ध होने के बाद भी प्रखंड मुख्यालय में सरकारी बस पड़ाव नही उपलब्ध हो सका। जिसके कारण सरकार को प्रतिवर्ष लाखों रुपए राजस्व की तो हानि हो ही रही है आम यात्रियों को भी समस्याओं से दो चार होना पड़ रहा है।
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संवाद सहयोगी,करपी,अरवल
पर्याप्त सरकारी भूमि उपलब्ध होने के बाद भी प्रखंड मुख्यालय में सरकारी बस पड़ाव नही उपलब्ध हो सका। जिसके कारण सरकार को प्रतिवर्ष लाखों रुपए राजस्व की तो हानि हो ही रही है आम यात्रियों को भी समस्याओं से दो चार होना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार सत्तर अस्सी के दशक से इस क्षेत्र में यात्री वाहनों का परिचालन शुरू हुआ था। उस समय बाजार के निकट बड़का पुल के नाम से जाने जाना वाला स्थान पर यात्री वाहनों का ठहराव हुआ करता था। उस समय इक्के दूक्के बड़े वाहनों का ठहराव हुआ करता था। क्योकि इस स्टैंड से दो तीन बड़ी वाहने जहानाबाद के लिये प्रस्थान करती थी। धीरे धीरे यही स्थान बस स्टैंड का रूप ले लिया। इस स्थान से अरवल,जहानाबाद,औरंगाबाद जिले के गोह,हसपुरा, पटना,आरा, पालीगंज समेत दर्जनों स्थानों के लिये छोटी बड़ी वाहनें खुलती है। जगह का अभाव होने के कारण यदि दो तीन बड़ी वाहन भी आ जाती है तो जाम की स्थिति बन जाती है। जिसका खमियाजा आम यात्रियों को भुगतना पड़ता है। यात्रियों को अपने गंतव्य स्थान पर जाने के लिये वाहनों का इंतजार खड़े होकर ही करना पड़ता है। क्योंकि बैठने के लिये जगह भी नही उपलब्ध है। सबसे ज्यादा उन महिला यात्रियों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिनके पास छोटे छोटे बच्चे होते हैं । और वह बच्चा शौच कर देता है। इस स्थान पर शौचालय भी नही है और नही पेयजल का ही इंतजाम है। ऐसी बात नही है कि यात्री वाहनों से एजेंटी के रूप में पैसा नही वसूली जाती है। लेकिन वह पैसा किसी खास आदमी का हो जाता है। उस पैसे से आम यात्रियों के लिये कोई सुविधा उपलब्ध नही कराई जाती है। 10 वर्ष पूर्व अंचल के द्वारा बस पड़ाव के लिये जमीन की मापी भी की गई थी लेकिन उसके बाद आगे का कुछ कार्य नही हुआ। यदि सरकारी बस पड़ाव हो जाता तो सरकार को राजस्व के रूप में पैसे भी आते और यात्रियों की उचित सुविधा भी मिलती।