विज्ञान के शिक्षकों की कमी के कारण हो रही परेशानी
अरवल। जिला मुख्यालय स्थित जीए उच्च विद्यालय गौरवमयी अतीत को अपने अंदर सहेजे हुए है। इस विद्यालय से पढ़कर कई लोग आज देश-दुनिया में अपनी प्रतिभा का जलवा बिखेर रहे हैं।
अरवल। जिला मुख्यालय स्थित जीए उच्च विद्यालय गौरवमयी अतीत को अपने अंदर सहेजे हुए है। इस विद्यालय से पढ़कर कई लोग आज देश-दुनिया में अपनी प्रतिभा का जलवा बिखेर रहे हैं। पुराने समय में जहां परंपरागत व्यवस्था में भी यह विद्यालय शिक्षा प्रदान करने में अपना विशिष्ट स्थान रखता था। वर्तमान समय में आधुनिक शिक्षा के दंभ भरने वाली व्यवस्था की झलक यहां जरूर दिखती है लेकिन व्यापक स्तर कार्य रूप में नजर नहीं आ रहा है। हालात यह है कि विज्ञान जैसे महत्वपूर्ण विषय के शिक्षकों की कमी है। जिसके कारण इस विषय का पठन पाठन प्रभावित हो रहा है। इस विषय की तैयारी के लिए यहां के छात्र-छात्राओं को कोचिग-ट्यूशन का सहारा लेना पड़ता है। बताते चलें कि विद्यालय के नौवीं कक्षा में 321, दशमी में 266 तथा 11वीं 386 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। फिलहाल यहां 12वीं कक्षा में भी 160 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इन विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए यहां नौ शिक्षक के साथ तीन अतिथि शिक्षक भी पदस्थापित हैं। इस विद्यालय में दो लिपिक तथा तीन आदेशपाल अपनी सेवा दे रहे हैं। विद्यालय में शौचालय की संख्या तो 14 है लेकिन हैंडपैंप मात्र एक है। जिससे भी परेशानी होती है। प्रयोगशाला की स्थिति यहां संतोषजनक है। बिजली व्यवस्था से यह विद्यालय युक्त है। आधुनिक शिक्षा के नाम पर इस विद्यालय में कम्प्यूटर की शिक्षा के लिए पहल जरूर की गई थी लेकिन वर्तमान समय में यहां रखे कम्प्यूटर महज शोभा की वस्तु बनकर रह गई है। क्या कहते हैं छात्र-छात्राएं क्लास तो प्रतिदिन चलता है। पढ़ाई भी ठीकठाक होती है लेकिन शिक्षकों की कमी के कारण परेशानी उठानी पड़ रही है।
राकेश कुमार एक मात्र चापाकल रहने के कारण हमलोगों को पेयजल के लिए काफी परेशानी हो रही है। लंच के समय में इस चापाकल पर छात्र-छात्राओं की भीड़ लग जाती है। यहां और अधिक चापाकल की व्यवस्था होनी चाहिए थी।
अरूण कुमार विद्यालय में रखे कम्प्यूटर सिर्फ शोभा की वस्तु है हमलोग कम्प्यूटर शिक्षा की मांग कई बार प्रधानाध्यापक से किए हैं लेकिन इस विषय की शिक्षक नहीं रहने के कारण इसकी पढ़ाई नहीं हो रही है।
विजेंद्र कुमार अन्य विषयों की पढ़ाई तो यहां ठीकठाक होती है। विज्ञान विषय की तैयारी में समस्या हो रही है। इस विषय के पर्याप्त शिक्षक नहीं रहने के कारण नियमित कक्षा का आयोजन नहीं हो पाता है। विज्ञान के प्रायोगिक शिक्षा भी हमलोगों को नहीं मिल पा रहा है।
अविनाश कुमार
क्या कहते हैं प्रधानाध्यापक कम्प्यूटर शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं। इस संबंध में विभाग को पत्र भी लिखा गया है। अन्य विषय की पढ़ाई यहां बेहतर तरीके से हो रही है। हमलोग गुणवतापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के प्रयास में लगे रहते हैं। कुछ समस्याएं जरूर है उसे दूर करने का प्रयास चल रहा है।
भिखारी रविदास