बिहार दिवस पर बच्चों के नाम सीएम का संदेश
अरवल। करपी एवं वंशी प्रखंड के सरकारी विद्यालयों में सोमवार को बिहार दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री की पाती पढ़कर सुनाया गया।
अरवल। करपी एवं वंशी प्रखंड के सरकारी विद्यालयों में सोमवार को बिहार दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री की पाती पढ़कर सुनाया गया। पाती में बच्चों को मुख्यमंत्री की ओर से शुभकामनाएं एवं उनके लिए चलाए जा रहे योजनाओं का जिक्र था। बिहार गीत अब अतीत की बाते हो गई है। अगस्त 2018 में तत्कालीन प्रधान शिक्षा सचिव आरके महाजन द्वारा सुबह के चेतना सत्र में यह अनिवार्य कर दिया गया था। उस समय प्रत्येक विद्यालयों में किसी भी मद से लाउडस्पीकर खरीदने का आदेश भी जारी हुआ था। लेकिन यह बिहार प्रार्थना बीते दिनों की बात हो गई। सत्यनारायण द्वारा रचित एवं एमआर चिश्ती के नज्मो से सुशोभित गीत बिहार की गौरवगाथा का बखान करता है।
संवाद सहयोगी,करपी, अरवल
प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय दक्षिणवारी मठिया में बिहार दिवस कार्यक्रम में बच्चों ने काफी बढ़ चढ़कर भाग लिया। मध्याह्न के बाद कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए बच्चों के बीच भिन्न भिन्न तरह के प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। शिक्षक राजीव रंजन के नेतृत्व में बच्चों के बीच वाद विवाद एवं संगीत की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। शिक्षिका नूर फातमा के कड़ी मेहनत से इस खास मौके के लिए प्रशिक्षित छात्राओं ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी। इस अवसर पर बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए फातमा ने कहा कि बच्चे मिट्टी के बर्तन के समान होते हैं।जैसे कुम्हार अपने चाक पर मिट्टी को अपने इच्छा अनुसार आकर देता है वैसे ही शिक्षक अपने बच्चों को अपने काबिलियत से बुद्धिमान बनाते हैं। शिक्षिका ने अपने संबोधन में महिला सशक्तिकरण की भी चर्चा की। प्रतिभागी बच्चों को शिक्षकों द्वारा पुरस्कृत भी किया। उन्होंने बिहार दिवस क्यों मनाया जाता है और बिहार एक राज्य के रूप में अस्तित्व में आया उसके बारे में भी विस्तार से बताया। बिहार के गौरवशाली इतिहास के बारे में भी उन्होंने ने छात्रों को बताया। कार्यक्रम में विद्यालय की शिक्षिका गीता कुमारी,बेलवन्ति कुमारी सहित अन्य शिक्षकों का सहयोग रहा।