बहनों ने भाई की कलाई पर बांधा रक्षा सूत्र
जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रविवार को रक्षा बंधन का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया । इस पर्व को लेकर सुबह से ही उत्साह का माहौल कायम था। बहनों ने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर अपनी सुरक्षा का संकल्प लिया ।
अरवल । जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रविवार को रक्षा बंधन का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया । इस पर्व को लेकर सुबह से ही उत्साह का माहौल कायम था। बहनों ने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर अपनी सुरक्षा का संकल्प लिया । इस त्योहार को लेकर बाजार में भी चहल पहल कायम रही । शुभ मुर्हूत के अनुसार लोगों ने राखी बांधकर इस त्योहार को मनाया । बताया जाता है कि रक्षा बंधन में राखी या रक्षा सुत्र का सबसे अधिक महत्व होता है । हिन्दू धर्म के सभी धार्मिक अनुष्ठानों में रक्षा सूत्र बांधते समय श्लोक का भी उच्चारण किया जाता है । भाई बहनों के प्रेम का प्रतीक पर्व रक्षा बंधन के दौरान सुबह से देर शाम तक रक्षाबंधन का कार्यक्रम चलता रहा। इसके पहले इसके लिए समय निर्धारित था लेकिन इस साल ऐसी स्थिति नहीं थी। यही कारण है कि सुबह से लेकर देर शाम तक यह दौर चलता रहा। सुबह से ही बहनें सज धजकर अपने भाइयों के पास गई और उसे तिलक लगाकर आरती उतारी। इसके बाद उसका मुंह मीठा किया और कलाई पर रक्षा सूत्र बांधी। भाईयों द्वारा बहनों को तरह-तरह के उपहार दिए गए। जिसे बहनों ने स्वीकार किया। इस पर्व को लेकर बहनों में खासा उत्साह देखा गया। जो बहन ससुराल में थी उसने अपने भाई को वहीं बुला ली थी, जबकि कई बहनें मायके जाकर भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधी। रक्षाबंधन के त्योहार को लेकर बाजारों में भी चहल पहल कायम रही। खासकर राखी तथा मिठाई की दुकानों पर भीड़ लगी रही।