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मसूर- मटर की कटनी शुरू, गेहूं के लहलहा रहे फसल

गर्मी का असर तेज होते ही फसलें पकने लगी हैं। क्षेत्र के किसान रबी फसल की कटाई में जुट गए हैं। यहां मसूर- मटर की कटनी जोरों पर चल रही है। गांव के मजदूरों को भी रोजगार मिलने लगा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Mar 2019 07:50 PM (IST)Updated: Sat, 23 Mar 2019 07:50 PM (IST)
मसूर- मटर की कटनी शुरू, गेहूं के लहलहा रहे फसल
मसूर- मटर की कटनी शुरू, गेहूं के लहलहा रहे फसल

फोटो-30

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जागरण संवाददाता, अरवल

गर्मी का असर तेज होते ही फसलें पकने लगी हैं। क्षेत्र के किसान रबी फसल की कटाई में जुट गए हैं। यहां मसूर- मटर की कटनी जोरों पर चल रही है। गांव के मजदूरों को भी रोजगार मिलने लगा है। बड़े किसानों के यहां बड़ी संख्या में मजदूरों को कटनी के काम में लगाया गया है।  वहीं दूसरी ओर  गेहूं की फसल अभी लहलहाने लगी है।  किसानों के अनुसार पानी मिलने के कारण गेहूं का दाना भी पुष्ट हो गया है। बीते साल की अपेक्षा इस बार गेहूं की फसल काफी अच्छी बताई जा रही है। वहीं कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस बार बीते वर्ष की अपेक्षा उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। फसल के पकने के समय प्रकृति के साथ देने के कारण किसानों को राहत मिली है। इसमें कई किसानों के खेतों के चने व मसूर की फसलें पक चुकी है। जिसकी कटनी के साथ-साथ थ्रेसिग भी शुरू हो गया है। हालांकि बाद में बोआई वाले किसानों के खेतों में तो अभी भी हरियाली छाई हुई है। वहीं दूसरी ओर अभी गेहूं की फसलें भी लहलहा रहीं हैं। 

किसानों का कहना है कि इस बार कम बारिश होने के कारण खरीफ की अधिकांश फसलें सूख गईं थीं। सबसे ज्यादा नुकसान मूंग, उड़द  को हुआ है। जिले में सबसे ज्यादा गेहूं मटर मसूर व चने की फसलें बोई जाती है।  गांव के किसान बृजेश पटेल तथा रूपदयाल पटेल ने बताया कि इस क्षेत्र में ज्यादातर गेहूं, चने की फसल बोई जाती है लेकिन कम बारिश के कारण गेहूं की रकवा घट गई है। 


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