बेटी को जन्म दिया तो ससुराल वालों ने घर से निकाला
अरवल। सरकारी तथा सामाजिक स्तर पर बेटा और बेटी में फर्क मिटाने के लिए भले ही प्रयास किए जा रहे हों लेकिन इसके बावजूद भी लोग वर्षों पुरानी कुप्रथा से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।
अरवल। सरकारी तथा सामाजिक स्तर पर बेटा और बेटी में फर्क मिटाने के लिए भले ही प्रयास किए जा रहे हों लेकिन इसके बावजूद भी लोग वर्षों पुरानी कुप्रथा से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। आए दिन महिलाओं को प्रताड़ना का सामना करना पड़ता रहा है। ताजा मामला है जिले के करपी थाना क्षेत्र के पीढ़ो गांव का। वहां एक विवाहिता को बेटी जन्म देने पर ससुराल वालों ने घर से ही बाहर निकाल दिया। बताते चलें कि रुची कुमारी की शादी वर्ष 2002 में राजेश कुमार के साथ हुई थी।शुरुआती में तो पति पत्नी के बीच काफी मधुर संबंध रहा लेकिन जब रुची ने बेटी को जन्म दिया तो उसके ससुराल के लोगों ने उसे मायके से दो लाख रुपए लाने के लिए दबाव डालने लगा। ससुराल वालों का कहना था कि बेटी जन्म देने से खर्च बढ़ गया है इसलिए तुम्हारे माता पिता यदि दो लाख रुपए देंगे तभी हम रखेंगे नहीं तो घर से बाहर जाना होगा। हालांकि इस मामले को लेकर पीड़िता ने न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया। तब पति सुलह की मुद्रा में आकर पत्नी को अपने गांव पीढ़ो लेकर आया लेकिन कुछ दिनों के बाद फिर से प्रताड़ित करने लगा। अपने पति तथा ससुराल से प्रताड़ना को लेकर पीड़िता ने जिला लोक शिकायत केंद्र में आवेदन देकर अपनी जान बचाने की गुहार लगाई है। पीड़ता ने आवेदन में उल्लेख किया है कि सेना में पदस्थापित पति के साथ ही ननद तथा सास,ससुर हमेशा प्रताड़ित करते रहते हैं।फिलहाल यह मामला लोक शिकायत निवारण में चल रहा है। हालांकि इस संबंध में पुलिस अधीक्षक को भी सूचना दी गई है। पूरा मामला तो आखिर जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा लेकिन जिस तरह से पीड़िता द्वारा आरोप लगाया गया है उससे बेटा बेटी में समानता की मुहिम को काफी धक्का पहुंचा है।