स्वीकारोक्ति बयान के आधार पर नए सिरे से बीईओ हत्याकांड की होगी जांच
अरवल। करपी के कूसरे गांव से गिरफ्तार प्रणव शर्मा ने वर्ष 2017 में अपने कार्यालय में कार्य कर रहे बीइओ शालिकराम शर्मा की हत्या की मामले में एक नया आयाम जोड़ा है।
अरवल। करपी के कूसरे गांव से गिरफ्तार प्रणव शर्मा ने वर्ष 2017 में अपने कार्यालय में कार्य कर रहे बीइओ शालिकराम शर्मा की हत्या की मामले में एक नया आयाम जोड़ा है। उन्होंने स्वीकार किया है कि जिस समय शालिकराम शर्मा की हत्या की गई थी उसमें जहानाबाद जेल में बंद था लेकिन इसकी पूरी जानकारी उन्हें उपलब्ध थी। उन्होंने यह भी बताया कि जिले में कार्यरत शिक्षक संतोष यादव के अलावा पंचायत सचिव दीनानाथ शर्मा ,अयूब अंसारी सहित आधे दर्जन शिक्षकों की फर्जी नौकरी शालिकराम शर्मा के पत्र से जाने वाला था। इसी कारण सभी ने मिलकर एक षड्यंत्र के तहत शालिकराम शर्मा की हत्या की थी ।हत्या के दो दिन पूर्व सभी लोगों ने एक जगह बैठकर एक लाख 60 हजार रुपए पर सौदा की थी। इस सौदे में सभी अपराधियों को हत्या के उपरांत रुपए बांटे जाने की शर्त रखी गई थी। घटना में विक्की पासवान और प्रणव के सहोदर भाई के अलावा रोशन कुमार ने कार्यालय में कार्य कर रहे प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी और करपी के रास्ते फरार हो गए थे। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि फर्जी बहाली में बीईओ के द्वारा लगातार पत्राचार किया जा रहा था। इस हत्या में शिक्षक के अलावा कई पंचायत सेवक की भी पूर्व में गिरफ्तारी हो चुकी है जिसकी जांच पुन: एसपी राजीव रंजन के द्वारा की जाएगी। एसपी ने बताया कि आवश्यकता पड़ने पर पुन: एफआईआर कर वैसे शिक्षक और पंचायत सचिवों को चिन्हित कर कार्रवाई भी की जाएगी। जिसके लेकर जिलाधिकारी से भी बात की गई है। फिलहाल कई ऐसे शिक्षक आज भी जिले में कार्यरत है। शीघ्र ही हटाए जाने की प्रक्रिया भी प्रारंभ होगी। ऐसे में शालिकराम शर्मा की हत्या का एक नया अध्याय भी फिर से शुरू हो गया है। इस खुलासे से कई शिक्षकों में हड़कंप मच गया है। फर्जी शिक्षक नियोजन के अंतिम मुकाम तक पहुंचने के लिए गिरफ्तार अपराधी के कबूलनामा किया है जिसके आधार पर अपराधी तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि अपराध जगत में कई ऐसे लोग हैं जिनसे रंगदारी की लगातार मांग की जा रही थी और उन्हें संरक्षण भी दिया जाता था। खासकर अपराधी के द्वारा गांव के कई लोगो का भी नाम स्वीकार किया है जो संरक्षण और पैसे भीजुटाया करते थे। इसके अलावा औरंगाबाद के एक विधायक के गार्ड में भी उन्हें रामपुर चाय गांव में सड़क निर्माण कंपनी से लेभी मांगे जाने की बात भी स्वीकार की है एसपी ने बताया कि हत्याकांड में न्यायालय द्वारा दिए गए बेल का पुन: जांच कराया जाएगा और सभी केसों में गिरफ्तार अपराधी को रिमांड भी लिया जाएगा।