Move to Jagran APP

कृषि मेले के पैसे को डकार ले जाने का आरोप

अरवल। सरकार की दिशा निर्देश के अनुसार राज्य के सभी पंचायत मुख्यालयों में 23 नवंबर को कृषि मेला का आयोजन किया गया था।

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 12:08 AM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 06:16 AM (IST)
कृषि मेले के पैसे को डकार ले जाने का आरोप
कृषि मेले के पैसे को डकार ले जाने का आरोप

अरवल। सरकार की दिशा निर्देश के अनुसार राज्य के सभी पंचायत मुख्यालयों में 23 नवंबर को कृषि मेला का आयोजन किया गया था। मेले को सफल बनाने के लिए जिला कृषि पदाधिकारी के द्वारा करपी प्रखंड क्षेत्र के 19 पंचायतों में प्रति पंचायत लगभग 75 सौ रुपए आवंटित किए गए थे। जिसका खर्च मेले में व्यवस्था करने के लिए किया जाना था। परंतु करपी के प्रखंड कृषि पदाधिकारी के द्वारा पैसे को पंचायत में आयोजित किए जाने वाले मेले में खर्च नहीं किया जाना प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है। इस बाबत मुखिया संघ के जिलाध्यक्ष एवं रोहाई पंचायत के मुखिया अभिषेक रंजन समेत दर्जनों पंचायत के मुखियों ने प्रखंड कृषि पदाधिकारी पर पैसे गबन करने का आरोप लगाया । इस संबंध में करपी पंचायत की मुखिया नीतू कुमारी, पुरान पंचायत मुखिया राजू कुमार, शहर तेलपा मुखिया शोला कुमारी, करपी प्रखंड क्षेत्र के बंभई पंचायत के मुखिया देव मंदिर सिंह, बेलखारा मुखिया अरविद पटेल,रामपुर चाय मुखिया बसंती देवी, समेत कई मुखिया एवं उनके प्रतिनिधि ने प्रखंड कृषि पदाधिकारी पर लाखों रुपए गबन किए जाने का आरोप लगाते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उनलोगों ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार 23 नवंबर को राज्य के सभी पंचायत मुख्यालय में विकास मेले के साथ-साथ कृषि मेला का आयोजन किया जाना था, जिससे सरकार के द्वारा चलाई जा रही विभिन्न लाभकारी योजनाओं की जानकारी सीधे जनता तक पहुंचाने जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसके लिए विभिन्न विभागों के द्वारा मेले में खर्च किए जाने को लेकर पैसे आवंटित किए गए थे। जिला कृषि पदाधिकारी के द्वारा करपी प्रखंड के 19 पंचायतों में 75 सौ प्रति पंचायत की दर से करपी के कृषि पदाधिकारी श्रीनिवास सिन्हा को राशि उपलब्ध कराई गई थी। राशि प्राप्त होने के बाद भी कृषि पदाधिकारी के द्वारा मेले में व्यवस्था नहीं किया जाना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार के द्वारा उपलब्ध कराए गए पैसे को खर्च नहीं किया गया। इस बाबत पूछे जाने पर जिला कृषि पदाधिकारी विकास कुमार ने बताया कि सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार 23 नवंबर को जिले के सभी पंचायत मुख्यालयों में कृषि मेला का आयोजन किया जाना था जिसके लिए 75 सौ रुपए प्रति पंचायत आवंटित भी किया गया था। करपी प्रखंड कृषि पदाधिकारी के द्वारा पैसा उपलब्ध कराए जाने के बाद भी मेले में खर्च नहीं किए जाने की शिकायत प्राप्त हुई है। यदि प्रखंड कृषि पदाधिकारी के द्वारा पैसा खर्च नहीं किया गया तो पैसे को रिकवर करते हुए उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इधर मुखिया संघ के जिला अध्यक्ष तथा करपी पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि मंटू मल्होत्रा ने बताया कि करपी के प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रभाकर कुमार की संलिप्तता के कारण ही प्रखंड कृषि पदाधिकारी के द्वारा पैसे को विकास मेले में खर्च नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि यदि इसकी जांच कर दोषी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। तो मुखिया संघ के द्वारा धारदार आंदोलन किया जाएगा। इस संबंध में प्रखंड कृषि पदाधिकारी श्री निवास सिन्हा से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि राशि सभी किसान सलाहकारों को दी गई थी। यदि उनलोगों के द्वारा राशि नही खर्च की गई है तो वरीय पदाधिकारियों को कारवाई के लिए कहा जाएगा।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.