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नदियों के जल स्तर में कमी, सताने लगा कटाव का भय

अररिया। नेपाल में भारी वर्षा होने के कारण भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण लोगों

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Jul 2017 11:35 PM (IST)Updated: Mon, 03 Jul 2017 11:35 PM (IST)
नदियों के जल स्तर में कमी, सताने लगा कटाव का भय
नदियों के जल स्तर में कमी, सताने लगा कटाव का भय

अररिया। नेपाल में भारी वर्षा होने के कारण भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण लोगों में बाढ़ का भय सताने लगा था, लेकिन रविवार की रात से नदियों के जल स्तर में कमी आने से लोगों ने राहत की सांस ली है। हालांकि नदियों में जल वृद्धि होने के कारण बकरा व नूना नदी के विभिन्न घाटों से बांस का चचरी पुल बह गया था। बकरा नदी के ढंगरी घाट पर बकरा नदी में जल स्तर में कमी आने से ग्रामीणों के सहयोग से पुन: बांस का चचरी पुल देकर आवागमन शुरू कर दिया गया है, लेकिन अन्य घाट जैसे रानी पुल, नेमुआ पिपरा, पड़रिया व तीरा खारदह घाट पर चचरी पुल बह जाने से लोगों को आवागमन में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा। प्रशासन द्वारा रानी पुल के पास दो नाव तो दे दिया गया। नाव पर बांस का चचरी नहीं रहने से बाइक सवार लोगों को रानी पुल के पास नाव पर बाइक पार नहीं हो रहा है। वहीं नूना व बकरा नदी के जल स्तर में कमी आने के साथ ही इन दोनों नदियों ने अपना कटाव तेज कर दिया है। वहीं बकरा नदी के पड़रिया घाट के पास, ढंगरी गांव के पास, करहबाड़ी गांव के पास, पीरगंज गांव के पास नेमुआ पिपरा के पास कटाव शुरू हो गया है, वहीं नूना नदी के सैदाबाद तटबंध, दहगामा तटबंध, पड़रिया तटबंध, घोड़ा चौक तटबंध, सिघिया तटबंध, बांस बाड़ी तटबंध व औलबाड़ी तटबंध पर कटवा जारी है। यहां के लोग दिव्यमूर्ती संदीप, मनोहर मिश्र, बरूण कुमार, परमानंद मंडल, जाहिद डीलर, मो. फरमान अली, मो. असफाक आलम सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि इन नदियों में पानी घटने पर कटाव तेज हो जाता है। यदि कटाव को नहीं रोका जाता है तो दर्जनों परिवार विस्थापन का दंश झेलने को विवश हो जाएगे। सबसे ज्यादा कटाव बकरा नदी के ढेंगरी गांव के पास सबसे ज्यादा कटाव हो रहा है। यदि बकरा नदी के कटाव को नहीं रोका गया तो ढेंगरी गांव के पास दर्जनों परिवार विस्थापन का दंश झेलने को मजबूर हो जाएंगे। वहीं सीओ प्रेम कुमार शर्मा ने बताया कि बकरा व नूना नदी में नेपाल से पानी छोड़े जाने के कारण इन नदी के घाटों से बांस का चचरी पुल बह गया है और आवागमन बहाल करने के लिए तत्काल सात घाटों पर नाव दे दिया गया है। रानीपुल पर ज्यादा भीड़ के कारण दो नाव दिया गया है।


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