Move to Jagran APP

जयंती पर याद किए गए अठावले

अररिया। रविवार को बिहार बाल मंच, फारबिसगंज के तत्वावधान में आध्यात्मिक गुरु, दार्शनिक तथा म

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Oct 2018 09:25 PM (IST)Updated: Sun, 21 Oct 2018 09:25 PM (IST)
जयंती पर याद किए गए अठावले
जयंती पर याद किए गए अठावले

अररिया। रविवार को बिहार बाल मंच, फारबिसगंज के तत्वावधान में आध्यात्मिक गुरु, दार्शनिक तथा महान समाज सुधारक पांडुरंग शास्त्री अठावले की जयंती मनाई गई। जिसकी अध्यक्षता बाल साहित्यकार हेमंत यादव शशि ने की। इस अवसर पर अतिथियों एवं स्कूली बच्चों ने उनकी तस्वीर पर श्रद्धासुमन अर्पण की। सभाध्यक्ष यादव, हर्ष नारायण दास, विनोद कुमार तिवारी, राज नारायण प्रसाद ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि महान विभूति अठावले को मराठी भाषा में दादा जी के नाम से भी जाना जाता है। उनका जन्म 19 अक्टूबर 1920 इसवी को महाराष्ट्र के रोहा नामक स्थान में हुआ था। उन्होंने 1954 में स्वाध्याय आंदोलन चलाया और स्वाध्याय परिवार की स्थापना की। स्वाध्याय आंदोलन भागवत गीता पर आधारित आत्म ज्ञान का आंदोलन है जो भारत के एक लाख गांवों में फैला हुआ है। वर्तमान में इसके लगभग पांच लाख सदस्य हैं। दादा जी श्रीमद् भागवत गीता और उपनिषदों पर अपने प्रवचनों के लिए प्रसिद्ध थे। उन्हें धर्म के क्षेत्र में उन्नति के लिये 1997 में टेम्पलटन पुरस्कार, 1999 में सामुदायिक नेतृत्व के लिये मैग्सेसे पुरस्कार और 1988 ईस्वी में भारत सरकार द्वारा पदम विभूषण से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में स्थानीय प्रोफेसर कालोनी के स्कूली बच्चों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में उपहार प्रदान किया गया।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.