मां के पंचम स्वरूप स्कंदमाता की हुई पूजा
संसू कुआड़ी (अररिया) वासंतिक नवरात्र के पांचवे दिन शनिवार को प्रखंड एवं आसपास के क्षेत्र
संसू, कुआड़ी (अररिया): वासंतिक नवरात्र के पांचवे दिन शनिवार को प्रखंड एवं आसपास के क्षेत्रों में मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की पूजा विधि-विधान व श्रद्धा पूर्वक की गई। मां का पांचवां स्वरूप स्कंदमाता है। इनकी आराधना से भक्त अपने व्यवहारिक ज्ञान को कर्म में परिवर्तित करते हैं। पंडित ज्ञान मोहन मिश्रा व पंडित अनिरुद्ध झा ने बताया कि जब ब्रह्मांड में व्याप्त शिव तत्व का मिलन इस त्रिशक्ति के साथ होता है तो स्कंद का जन्म होता है। इसलिए स्कंदमाता ज्ञान और क्रिया के स्त्रोतों का प्रतीक मानी जाती है। इनका वाहन सिंह है। यह मां कोई शस्त्र धारण नहीं करती है। श्रद्धालु भक्तजन इन्हें केले का भोग लगाते हैं जो इन्हें पसंद है ।क्षेत्र के अन्य स्थानों के अलावे भारत नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट ब्रिटिश कालीन दुर्गा मंदिर कुआड़ी में पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की पूजा की गई । कोविड-19 कोरोना संक्रमण को लेकर लोगों ने अपनी दूरी बनाते हुए मंदिर में प्रवेश कर मां दुर्गा की पूजा-अर्चना व नमन करते देखे गए । पुरुष की अपेक्षा महिलाओं की संख्या ज्यादा देखी गई। इनकी भक्ति से भक्तों की आयु यश बल और आरोग्य की प्राप्ति होती है। ----------------------------------चैत्र नवरात्र -----------संसू, रेणुग्राम (अररिया):
चैती नवरात्र को लेकर शनिवार को देवी दुर्गा के पांचवें स्वरूप मां सकंदमाता की पूजा अर्चना विधि विधान के साथ की गई। इसको लेकर तिरसकुंड के समोल हाट परिसर स्थित काली मंदिर में दुर्गा सप्तशती का पाठ किया गया। वही पूजा स्थल पर मां दुर्गा की प्रतिमा का रंग रोगन का कार्य पूरा कर लिया गया है।