भक्ति भाव से की गई देवी दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कुष्मांडा की पूजा
संसू सिकटी (अररिया) चैत्र नवरात्र के चौथे दिन देवी दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कुष्मांडा की प
संसू सिकटी (अररिया): चैत्र नवरात्र के चौथे दिन देवी दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कुष्मांडा की पूजा भक्तिभाव से की गईं। अपने उदर यानी पेट से ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण ही इन्हें कुष्मांडा देवी के नाम से जाना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां कुष्मांडा ने ही इस ब्रह्मांड की रचना की थी, जिसकी वजह से इन्हें आदिशक्ति के रूप में भी जाना जाता है। दिन शुक्रवार होने के कारण भक्तों ने माता के चौथे स्वरूप के साथ माता लक्ष्मी की पूजा भी धूमधाम से की। माता कुष्मांडा की पूजा के साथ ही महालक्ष्मी मंत्र का भी जाप किया गया। पंडित ज्ञानमोहन मिश्र ने बताया कि जब सृष्टि का अस्तित्व नहीं था तब देवी दुर्गा के कुष्मांडा स्वरूप ने हीं मंद-मंद मुस्कुराते हुए इस ब्रह्मांड यानी सृष्टि की रचना की थी। ब्रह्मांड की सभी वस्तुओं और प्राणियों में जो तेज मौजूद है वह देवी कुष्मांडा की ही छाया है। मां की आठ भुजाएं हैं, इसलिए इन्हें अष्टभुजा देवी के नाम से भी जाना जाता है। इनके सात हाथों में कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृत कलश, चक्र और गदा है। आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जपमाला है। देवी कुष्मांडा का वाहन सिंह है। भक्तों ने सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर मां कुष्मांडा का स्मरण किया। धूप, दीप, अक्षत, लाल फूल, फल, सूखे मेवे और श्रृंगार का सामान देवी मां को अर्पित किया। तत्पश्चात मां कुष्मांडा को हलवा और दही का भोग लगाया गया औऱ आरती की गईं। ऐसी मान्यता है कि देवी कुष्मांडा जल्दी प्रसन्न होती हैं। साधक को केवल सच्चे मन से देवी को याद करना होता है। --------भागवत कथा ------------------------------------------------संवाद सूत्र, फुलकाहा (अररिया): नरपतगंज प्रखंड के पिठौरा पंचायत स्थित पंचायत के मुखिया संतोष कुमार सिंह के दरवाजे पर शुक्रवार को कलश शोभायात्रा के साथ सप्ताह भर चलने वाले श्री श्री 108 श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आरंभ हुआ। ज्ञातव्य हो की सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा को लेकर शुक्रवार को विधिवत पूजा अर्चना के बाद 1001 महिलाओं व कुमारी कन्याओं के द्वारा कलश निकाली गई। जो पिथौरा पंचायत के वार्ड संख्या पांच से चलकर वार्ड संख्या 6 महादेवस्थान में जल भरकर जंगी लाल चौक होते हुए दुर्गा स्थान बजरंगी चौक होकर निज दरवाजा तक आकर संपन्न हुआ। जबकि कलश शोभायात्रा के दौरान गाजे बाजे के साथ सैकड़ों की संख्या में जनप्रतिनिधि व ग्रामीणों ने भाग लिया। कलश यात्रा के साथ लगातार सात दिनों तक श्री श्री 108 श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ किया जाएगा। वहीं अयोध्या से चलकर पूज्य राघव शरण महाराज कथा करने आए हैं। मौके पर राणा प्रताप सिंह के अलावा पंचायत के मुखिया संतोष कुमार सिंह, वीरेंद्र सिंह, गयानंद सिंह , सरोज सिंह, सतीश प्रताप सिंह, सरजू प्रसाद सिंह, सुधीर सिंह, कार्तिक सिंह ,कैलाश सिंह, अशोक साह के अलावा दर्जनों की संख्या में जनप्रतिनिधि व स्थानीय ग्रामीण मौजूद थे।