सूबे में हर साल गायब होते हैं 16 हजार बच्चे
अररिया। बाल सुरक्षा और पुनर्वास को लेकर डीआरडीए सभा भवन अररिया में शुक्रवार को एक दि
अररिया। बाल सुरक्षा और पुनर्वास को लेकर डीआरडीए सभा भवन अररिया में शुक्रवार को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर मुख्य अतिथि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अररिया के सचिव संजीव कुमार ने किया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए शक्ति वर्धनी संस्था की निदेशक सह सचिव सुधा ने कहा कि आज हमारे बच्चे सुरक्षित नहीं है। आंकड़े के मुताबिक बिहार में एक वर्ष में 16 हजार बच्चे लापता होते हैं जिसमें 75 प्रतिशत बच्चियां होती है। अररिया जिले में मानव व्यापार , बाल श्रम, बाल विवाह और अशिक्षा मुख्य समस्या है जिसके लिए लोगों के बीच जागरूकता लाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि शक्तिवर्धनि पिछले तीन वर्षो से इन तमाम मुद्दों पर कार्य कर रही है। मुख्य अतिथि संजीव कुमार ने कहा कि बच्चों की रक्षा और उनकी सुरक्षा हम सबों की सामूहिक जिम्मेदारी है। गांव में इसके लिए जागरूक करने की जरूरत है। इतना ही नहीं बच्चों के पुनर्वास के लिये भी सरकार प्रयत्नशील है। जागरण कल्याण भारती के सचिव संजय कुमार ने कहा बाल सुरक्षा और पुनर्वास पर बोलते हुए कहा कि इस समस्या को गंभीरता से लेने की जरूरत है। मुख्य वक्ता के रूप में अधिवक्ता पटना हाई कोर्ट दीपक कुमार ने प्रक्रिया और उससे जुड़ी हुई विभिन्न समस्या एवं उसके निदान पर चर्चा की । कार्यशाला में संबंधित मुद्दों से जुड़े विभाग के पदाधिकारीगण ,चाइल्ड लाइन ,महिला थाना, जीविका, एनजीओ, प्रतिनिधि,मौजूद थे। मौके पर लक्ष्मण, पवन, रामपाल ¨सह, राजाराम मंडल, नित्यानंद मंडल, दीक्षा, मिनहाज, रूपेश, दिवाकर यादव, चांदनी कुमारी आदि मौजूद थे। एनजीओ के ¨रकू वर्मा, मु. उमर आदि मौजूद थे।