जीविका व बैंक में होना चाहिए बेहतर समन्वय : एसडीएम
अररिया। स्वयं सहायता समूह की सफलता के लिए जीविका और बैंक के बीच आपसी समन्वय जरूरी है। स
अररिया। स्वयं सहायता समूह की सफलता के लिए जीविका और बैंक के बीच आपसी समन्वय जरूरी है। साथ ही एसएचजी तभी सफल होगी जब वित्तीय साक्षरता के माध्यम से ग्रामीणों को बैं¨कग सिस्टम की जानकारी दी जाएगी। ये बातें शनिवार को अररिया के अनुमंडल पदधिकारी प्रशांत कुमार ने कही । अररिया स्थित एक होटल में आयोजित जिला स्तरीय बैंकर्स और जीविका कार्यशाला के मौके पर मुख्य अतिथि के रूप बोलते हुए उन्होंने कहा कि साक्षर महिला का जो समूह होगा वो बेहतर ढंग से संचालित होगा, क्योंकि वो काम करने के लिए खुद सक्षम होंगी। महिला सशक्तिकरण के लिए समूह को एक आंदोलन का रूप देना होगा। इससे पहले उन्होंने कहा, जब एक महिला शिक्षित होती है तो पूरा परिवार शिक्षित होता है। ग्रामीण बैंक और जीविका की प्रशंसा करते हुए एसडीएम ने कहा कि सामाजिक, आर्थिक क्षेत्र में बदलाव का काम बेहतर ढंग से किया जा रहा है। मौके पर किशनगंज और अररिया के उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के मैनेजर और जीविका के लोग कार्यशाला में शामिल हुए। अररिया और किशनगंज के जीविका के डीपीएम आमोद प्रकाश और नीरज कुमार के अलावा यूबीजीवी के क्षेत्रीय प्रबंधक अमित कुमार,अभिषेक कुमार, नीति आयोग के संदीप कुमार ने भी कार्यशाला को संबोधित किया। क्षेत्रीय प्रबंधक अमित कुमार ने कहा जीविका दीदियों को बैंक का पूरा सहयोग प्राप्त होगा । जल्द ही जिले के दो हजार समूहों को बैंक से ¨लकेज किया जाएगा।
मौके पर जीविका के समन्वय परामर्शी अमीर चांद ने बताया कि जीविका वित्तीय समावेश कार्य को गति प्रदर्शन करने के लिए उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक अररिया के सभी शाखा प्रबंधकों के साथ कार्यशाला का आयोजन करेगी। वहीं शुभारंभ में बुकें देकर मुख्य अतिथि का स्वागत किया गया। दीप प्रज्ज्वलित कर मुख्य अतिथि ने कार्यशाला का उद्घाटन किया। जीविका की नम्रता और सोनी ने स्वागत गीत पेश की। विदित है कि बिहार सरकार द्वारा ग्रामीण इलाके की महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए 2007 से जीविका के माध्यम से स्वंय सहायता समूह का गठन किया जा रहा है जिससे समाज में क्रांतिकारी बदलाव आया है।