हत्या के प्रयास मामले में दो को उम्रकैद
अररिया। अररिया के एडीजे तृतीय आरके श्रीवास्तव की अदालत ने आग्नेयास्त्र के बल हत्या के प्रयास
अररिया। अररिया के एडीजे तृतीय आरके श्रीवास्तव की अदालत ने आग्नेयास्त्र के बल हत्या के प्रयास के लंबित एक मामले में स्पीडी ट्रायल के तहत सुनवाई पूरी की तथा फारबिसगंज निवासी नेहाल उर्फ जुल्फी तथा मो. नसर ईमाम उर्फ नसर को शुक्रवार को सुनाई। दोनों आरोपितों को सश्रम उम्रकैद की सजा सहित 25-25 हजार रुपए जुर्माना भरने का फैसला सुनाया गया है। वहीं इसी मामले में नेहाल उर्फ जुल्फी को आर्म्स एक्ट के आरोप सिद्ध होने पर उसे तीन साल का सश्रम कैद व पांच हजार रुपये जुर्माना अदा करने का फैसला सुनाया है। जुर्माना राशि अदा नहीं करने पर दोनों आरोपितों को अतिरिक्त सजा काटने का भी फैसला सुनाया गया है। जानकारी के मुताबिक यह घटना 29 अगस्त 2016की रात्रि की है। घटना के दिन दोनों आरोपितों ने मामले के सूचक रवि कुमार ओझा उर्फ गुड्डू ओझा को नाजायज हिरासत में ले लिया और जान मारने की नीयत से आग्नेयास्त्र से गोली चलाकर गंभीर रुप से जख्मी कर दिया था। अररिया के सेशन कोर्ट एडीजे तृतीय श्री श्रीवास्तव की अदालत ने मामले की सुनवाई की। सरकार की ओर से एपीपी राजानंद पासवान तथा बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता मृत्युंजय ¨सहा ने पक्ष रखा। अदालत ने बहस सुनने के बाद नेहाल उर्फ जुल्फी तथा मो नसर ईमाम उर्फ नसर को हत्या के प्रयास मामले में दोषी पाया तथा इन दोनों को सश्रम उम्रकैद की सजा व जुर्माना राशि भरने का फैसला सुनाया। जुर्माना अदा नहीं करने पर छह-छह महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। वहीं अदालत ने नेहाल को आर्म्स एक्ट के आरोप में भी दोषी पाते उसे इस मामले में तीन साल का सश्रम कैद व पांच हजार रुपये जुर्माना भरने का फैसला सुनाया तथा जुर्माना अदा नहीं करने पर उसे तीन महीने का अतिरिक्त सजा भी काटनी होगी। गौरतलब है कि नेहाल उर्फ जुल्फी को पूर्व में भी सजा हो चुकी है। जिसमें आर्म्स एक्ट के मामले में दोषी पाए जाने पर तीन वर्ष का सश्रम कैद सहित 10 हजार रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई गई थी।