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अररिया-नेपाल सड़क पर महाजाम, 10 घंटे ठप रहा आवागमन

अररिया। बाइक दुर्घटना में पिछले शनिवार को हुई पटेगना के युवक की मौत के मामले में चालक

By JagranEdited By: Published: Thu, 31 Jan 2019 12:46 AM (IST)Updated: Thu, 31 Jan 2019 12:46 AM (IST)
अररिया-नेपाल सड़क पर महाजाम, 10 घंटे ठप रहा आवागमन
अररिया-नेपाल सड़क पर महाजाम, 10 घंटे ठप रहा आवागमन

अररिया। बाइक दुर्घटना में पिछले शनिवार को हुई पटेगना के युवक की मौत के मामले में चालक को कोर्ट से मिली जमानत के विरुद्ध पटेगना के ग्रामीणों ने बुधवार को भारत- नेपाल मार्ग वाया कुर्साकांटा सड़क में कई स्थानों पर सड़क जाम कर ऊग्र प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारी लगभग साढ़े सात बजे से साढ़े पांच बजे सड़क पर डटे रहे। मौके पर 10 घंटे बाद एसडीओ प्रशांत कुमार, डीएसपी कुमार देवेन्द्र ¨सह के पहुंचते ही प्रदर्शनकारियों एवं अधिकारियों के बीच थोड़ी देर तक तीखी नोंक- झोंक चली। इस दौरान थोड़ी देर के लिए माहौल तनावपूर्ण हो गया। अधिकारियों के काफी मसक्कत व जनप्रतिनिधियों के सहयोग से लगभग 10 घंटे बाद मुआवजे का आश्वासन तथा दर्ज प्राथमिकी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के बाद ग्रामीण शांत हुए और यातायात बहाल हो सका। इससे पूर्व सूचना पर सदलबल पहुंचे ताराबाड़ी थानाध्यक्ष रंजीत कुमार ने प्रदर्शनकारियों को समझा -बुझाकर जाम तोड़ने का कोशिश की लेकिन सफल नहीं सके। प्रदर्शकारियों ने थाना पुलिस की एक भी न सुनी। गुस्साए ग्रामीणों का आरोप था कि बाइक की ठोकर से हुई युवक की मौत के मामले में गिरफ्तार बाइक चालक को कोर्ट के द्वारा किसी बड़े नेता के इशारे पर आरोपित को जेल भेजने से पूर्व ही कोर्ट से जमानत दे दी गई।

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पोस्ट आफिस चौक पर दुकानों का करवाया बंद

-पटेगना के ग्रामीणों ने पोस्ट आफिस चौक के सभी दुकाने बंद करवाते अररिया- नेपाल मुख्य मार्ग सहित जिला मुख्यालय को जोड़ने वाली कई ग्रामीण सड़कों को भी जाम कर मुआवजा सहित आरोपित चालक के विरुद्ध कार्रवाई की मांग करने लगे थे। करीब दो घंटे बाद पुलिस इंस्पेक्टर बैद्यनाथ शर्मा, बीडीओ मनोज कुमार, बैरगाछी ओपीध्यक्ष प्रशांत कुमार, सीआइ सत्यनारायण सिन्हा, हल्का कर्मचारी विजेंद्र झा आदि भी प्रदर्शनकारियों को समझाने में नाकाम रहे।

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मौत के बाद मुआवजे की लेकर सड़क पर उतरे ग्रामीण

-बता दें कि शनिवार को सड़क दुर्घटना में पटेगना निवासी सीताराम विश्वास के पुत्र उमेश विश्वास का मौत हो गई थी। मुआवजे के लिए रविवार को ग्रामीणों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन भी किया था। बीडीओ मनोज कुमार के द्वारा पारिवारिक लाभ के तहत बीस हजार का चेक देने के बाद आक्रोशितों ने जाम तोड़ा था। बुधवार को जाम के दौरान जाम स्थल के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं।

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सांसद व विधायक के विरुद्ध ग्रामीणों ने की नारेबाजी-

-प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों ने सांसद- विधायक के विरुद्ध नारे लगाते हुए कहा कि इस तरह के घटना में पीड़ित परिजनों को मुआवजा दिलाने के दिशा में किसी तरह की दिलचस्पी नहीं दिखाई गई थी। सांसद व विधायक के इशारे पर ही कोर्ट से जमानत मिली है। आक्रोशित ग्रामीण ने सांसद विधायक को जाम स्थल पर आने के बाद ही जाम हटाने की बात पर अड़े हुए थे।

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जाम में फंसे सीमा की रखवाली करने जा रहे एसएसबी जवान

-दिल्ली में गणतंत्र दिवस के परेड से लौट रहे एसएसबी 52वीं बटालियन के एक सौ से अधिक जवान व अधिकारी भी प्रदर्शनकारियों द्वारा सड़क जाम करने से फंस गए थे। सभी जवान नेपाल सीमा के विभिन्न कैंपों में अपनी ड्यूटी पर लौट रहे थे। एएसबी के जवानों बताया कि जाम नहीं होता तो हम लोग कैंप पहुंच गए होते थे। इसी प्रकार बीए पार्ट वन के परीक्षा देने जा रहे ग्रामीण क्षेत्रों के दर्जनों परीक्षार्थी भी जाम में फंसे हुए थे। खासकर महिला परीक्षार्थी को केंद्र तक पहुचने में काफी जद्दोजहद करनी पड़ी। इसके अलावा हजारों लोग जाम करने वाले को कोस रहे थे।


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