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जागरूकता के अभाव में रेबीज से मर रहे हैं सैकड़ों लोग

अररिया। विश्व रेबीज दिवस पर कौशल विकास केंद्र डाक बंगला चौक रानीगंज में शनिवार को सहयो

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Sep 2019 02:07 AM (IST)Updated: Sun, 29 Sep 2019 02:07 AM (IST)
जागरूकता के अभाव में रेबीज से मर रहे हैं सैकड़ों लोग
जागरूकता के अभाव में रेबीज से मर रहे हैं सैकड़ों लोग

अररिया। विश्व रेबीज दिवस पर कौशल विकास केंद्र डाक बंगला चौक रानीगंज में शनिवार को सहयोग सह ऑर्गेनाइजेशन फॉर होम्यो मिशन के अध्यक्ष डॉ. अजीत प्रसाद सिंह एवं एनआइसीटी के निदेशक एसएम हसीन उद्दीन के सहयोग से जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बताया गया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक हर वर्ष 55000 लोग इस रेबीज से प्रत्येक वर्ष मृत्यु हो रही है जिसका मुख्य कारण जागरूकता का अभाव है। इसलिए संस्थान के द्वारा अपने छात्रों के माध्यम से जन-जन तक जागरूकता कार्यक्रम पहुंचाने का कार्य करने का प्रयास किया जा रहा है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कौशल विकास केंद्र के प्रशिक्षक विकास कुमार सिन्हा एवं संचालक हसन अशरफुल ने बताया की विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार रेबीज से दुनिया भर में हर साल 55 हजार लोगों की जान जाती है। इनमें 40 प्रतिशत बच्चे होते हैं। रेबीज की बीमारी कुत्ते, बिल्ली, बंदर, चमगादड़, गाय-भैंस, चूहों, लोमड़ी, भेड़िया जैसे जानवरों से होती है। भारत में ज्यादातर रेबीज के मामले कुत्ते या बिल्ली के काटने से आते हैं। 28 सितंबर को विश्व रेबीज दिवस है। रेबीज लायसा न्यूरोट्रॉपिक वायरस के संक्रमण से होती है। ये वायरस वार्म ब्लडेड स्तनधारी जीवों को आसानी से अपना शिकार बनाते हैं। जब रेबीज वायरस से ग्रसित जानवर दूसरे जानवर को काटता है, तब ये वायरस उसके लार के माध्यम से दूसरे जानवर में चले जाते हैं। वह जानवर घरेलू या जंगली कोई भी हो सकता है। जब ऐसा जानवर किसी मनुष्य को काटता है, या नाखूनों से उनकी त्वचा पर स्क्रैच डालता है या फिर उसकी चोट,घाव, खरोंच या कटी-फटी त्वचा को चाटता है, तो लार के माध्यम से रेबीज वायरस मानव शरीर में ट्रांसमिट हो जाते हैं। लोगों को इससे बचने के लिए अपने पालतू जानवर को प्रत्येक वर्ष टीकाकरण करानी चाहिए और संजोग से अगर किसी जानवर ने काट लेता है तो अवश्य बिना देर किए रेबीज का टीका लगवा लेना चाहिए जो प्रत्येक सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध है तो इससे बचा जा सकता है कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्थान के सभी छात्रों का सहयोग सराहनीय रहा और छात्रों ने विश्वास दिलाया कि वह अपने अपने क्षेत्रों में इसके प्रति लोगों को जागरूक करेंगे। इस मौके पर कौशल विकास केंद्र के संस्थापक सहित सैकड़ों की संख्या में छात्र छात्राएं मौजूद थे।

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