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हरी चादर योजना में किसान नहीं ले रहे रुचि

-------------मूंग की खेती का लोगों ------ अररिया। हरी खाद योजना को लेकर में किसानों के

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Apr 2018 12:10 AM (IST)Updated: Sun, 22 Apr 2018 12:10 AM (IST)
हरी चादर योजना में किसान नहीं ले रहे रुचि
हरी चादर योजना में किसान नहीं ले रहे रुचि

-------------मूंग की खेती का लोगों ------ अररिया। हरी खाद योजना को लेकर में किसानों के बीच जागरूकता नहीं दिख रही है। हरी चादर योजना के तहत जमीन की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने के लिए मूंग एवं ढैंचा की खेती हरी उर्वरक के रूप में प्रयोग इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। वहीं विभागीय कर्मचारी इस अभियान को लेकर उदासीनता बरत रहे हैं। किसानों को इस योजना के तहत चयनित दुकान से बीज की खरीदारी करनी है। वहीं 50 से 80 फीसदी अनुदान किसानों के खाते में भेजे जाने हैं। फिलहाल यह योजना गति नहीं पकड़ रही है।

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जानकारी के मुताबिक इस अभियान के तहत किसानों को जानकारी दी जानी है कि खेतों में रासायनिक खाद के ज्यादा उपयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति खत्म हो जाएगी। मिट्टी को बीमार होने से बचाने के लिए सबसे बेहतर हरी खाद मूंग और ढैचे के पौधे हैं। इसी को बढ़ावा देने के लिए सरकार किसानों को मूंग और ढैचे का बीज अनुदानित कीमत पर दुकानों पर उपलब्ध करा दिया गया है। जिसका लाभ उठाकर किसान मूंग की पहली फसल को तोड़ लेने के बाद खेत में जोताई कर उस हरे पेड़ को हरी खाद के लिए खेतों में छोड़ सकते हैं। इससे खेत की मिट्टी में प्रचुर मात्रा में नाइट्रोजन, ऑर्गेनिक मेटल जैसे तत्व मिल जाते हैं। अलग से फस्फेट सुपर और पोटास देने की जरुरत नहीं पड़ती है। फिलहाल रानीगंज प्रखंड में इस योजना का डीएओ ने औचक समीक्षा की है। वहां बीच वितरण की प्रगति शून्य पाएगी थी। वहीं कृषि कर्मियों का कहना है कि किसान हरी चादर योजना को लेकर जागरूक नहीं है।

-हरी चादर योजना में लापरवाही पर गिरी गाज

जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि रानीगंज में हरी चादर सहित अन्य योजनाओं में उदासीनता बरतने पर प्रपत्र क गठित करने का आदेश दिया गया है। हरी खाद के लिए मूंग और ढैंचा की बोआई की जाती है। इस बार जिले को अभी तक मूंग का ही बीज प्राप्त हुआ है। दो तरह के अनुदानित बीज वितरित होने हैं जिसमे 50 प्रतिशत एवं 80 प्रतिशत तक अनुदान है। कुल 2,680 किसानों के खेतों में हरी चादर योजना का प्रदर्शन किया जाना है। ढैंचे के बीज का विभाग कर रहा इंतजार

अररिया जिला को 1,341 ¨क्वटल के विरुद्ध 1321 ¨क्वटल मूंग का बीज प्राप्त हुआ है। प्रति हेक्टेयर 20 किलो मूंग की बोआई करनी करनी है। किसानों को मूंग का बीज उपलब्ध कराया जा रहा है। ढैंचे का बीज जिले में उपलब्ध हो जाने पर अनुदानित दर पर किसानों को दिया जाएगा ।


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