भारत-नेपाल सीमा के नो-मेंस लैंड पर बने घर
=== लीड=== फोटो : 17 एआरआर 09 -------- - दोनों देशों पर संयुक्त रूप से है इलाके को
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फोटो : 17 एआरआर 09
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- दोनों देशों पर संयुक्त रूप से है इलाके को खाली कराने की जिम्मेदारी
- कुर्साकांटा प्रखंड क्षेत्र में सदियों से घर बनाकर रह रहे कई परिवार
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दुर्केश ¨सह, अररिया: भारत-नेपाल निर्माणाधीन सड़क के पास नो-मेंस लैंड पर दोनों देशों के नागरिक घर बनाकर रह रहे हैं। कुर्साकांटा प्रखंड का सोनामनी गुदाम ओपी मेंस लैंड से सटकर है। इसके सामने स्थित सड़क के उस पार नेपाल और इस पार भारत है। इसी ओपी के निकट भारत-नेपाल का सीमांकन करता पिलर है।
यदि यह पीलर नहीं हो तो भारत-नेपाल की सीमा की पहचान में भी परेशानी आएगी। इस पीलर के दोनों तरफ आबादी है। ग्रामीणों का कहना है कि नो मेंस लैंड के 10 मीटर के दायरे में आबादी को यदि बेदखल किया जाएगा तो जिस किराये के भवन में ओपी है, उसे भी हटाना होगा। सीमा के उस तरफ के गांव का नाम तरगामा और इस पार के गांव का नाम सोनामनी गुदाम है। सोनामनी गुदाम ओपी प्रभारी नंद किशोर नंदन ने बताया कि सोनामनी गुदाम ओपी का भवन जर्जर हो गया है। नए ओपी के भवन के लिए भूमि का आवंटन हो चुका है।
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दोनों देशों के अधिकारियों को संयुक्त अभियान चलाकर नो मेंस लैड को खाली कराना है। सीमा पर कम से कम 40 फीट जमीन को मानव रहित बनाना है। इसे खाली कराने का निर्देश दिया गया है। नये कब्जे को रोकने के लिए सीमा पर तैनात पुलिस पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
- रमेश्वर पासवान
डीएसपी, अररिया टाउन
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नो मेंस लैंड का मतलब है मानव रहित सीमा क्षेत्र। सीमा रेखा की 10-10 मीटर की दूरी को मानव रहित बनाना है। इस बाबत निर्देश प्राप्त हुआ है। नो मेंस लैंड पर बसे हुए लोगों का सर्वेक्षण शीघ्र ही शुरू किया जाएगा। कुर्साकांटा प्रखंड में नो मेंस लैंड क्षेत्र में लोग काफी समय से घर बनाकर रह रहे हैं। नो मेंस लैंड को खाली कराया जाएगा।
- विजय कुमार सिन्हा
सीओ, कुर्साकांटा