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जिले में धूप निकलने से ठंड से मिली राहत

जासं अररिया इधर कई दिनों से पड़ रही कड़ाके की ठंड से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया था। वह

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 08:49 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 08:49 PM (IST)
जिले में धूप निकलने से ठंड से मिली राहत
जिले में धूप निकलने से ठंड से मिली राहत

जासं, अररिया : इधर कई दिनों से पड़ रही कड़ाके की ठंड से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया था। वहीं शुक्रवार की सुबह से तेज धूप निकलने से लोगों को राहत मिली है। मकर संक्रांति के दिन से ठंड में अचानक वृद्धि हो गई थी जो गुरुवार को भी जारी रही। लेकिन शुक्रवार को ठंड से लोगों को राहत मिली है। वहीं लोगों का कहना है कि मौसम कब खराब हो जाए कहना मुश्किल है। मकर संक्रांति के बाद से मौसम साफ होने की उम्मीद लगाए हुए थे लेकिन और भी ठंड बढ़ता गया। बच्चों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया था। हवा चलने से गलन है। वहीं शाम होते ही लोग अलाव जलाकर हाथ सेकने लगे। रबी फसल के लिए मौसम काफी लाभदायक है। दिन में लोगों ने धूप का भरपूर आनंद उठाया। संसू सिकटी, के अनुसार-कई दिनों से सीमावर्ती प्रखंड क्षेत्र में पड़ रही कड़ाके की ठंड ने किसानों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है। कोहरा पड़ने व तापमान में गिरावट होने से किसानों को रबी फसलों की अच्छी पैदावार की उम्मीद है। वहीं मौसम वैज्ञानिक का कहना है कि अभी सर्दी और बढ़ेगी। रबी फसलों के तहत प्रमुख फसलों में गेहूं, सरसों, चना, मसूर, मटर, गन्ने आदि की फसलों को व्यापक फायदा पहुंचने की उम्मीद बढ़ गई है। सर्दी बढ़ने से फसलों को फायदा पहुंचने की उम्मीद है। मेघा गांव के किसान शिवानंद सिंह बताते हैं कि सर्दी बढ़ने से अच्छी फसल होने की उम्मीद जागी है। यह मौसम रबी की सभी फसलों के लिए अच्छा है। ठंड बढ़ने से मटर, सरसों, गेहूं आदि की फसलों में दाना अच्छा पड़ता है। इससे किसानों की अच्छी पैदावार होने की उम्मीद है। हालांकि दस दिन पहले तक तापमान की स्तिथि देख लग रहा था कि इस बार गेहूं की फसल मौसम के अनुकूल नही है। लेकिन कड़ाके की ठंड रबी फसल पर पुरी तरह मेहरबान है। मौसम का यही हाल रहा तो प्रखंड में गेहूं का उत्पादन बढ़ जाएगा। प्रखंड कृषि पदाधिकारी आरके सिंह ने बताया कि गेहूं जाड़े की फसल है और इसके लिए अब सही तापमान है। तापमान का लगातार नीचे गिरना गेहूं की फसल के लिए उपयुक्त है। कुछ दिन पहले तक किसान डरे हुए थे कि तापमान और अधिक बढ़ा तो गेहूं की फसल में समय से पहले हीं फूल लगने लगेंगे। और ऐसा होता तो उत्पादन एक चौथाई भी नही होगी। वहीं कुछ किसान तो अधिक तापमान होने के कारण बुआई भी नही कर रहें थे। बाद में किसानों ने बोआई तो कर दी, लेकिन उन्हें संशय बना हुआ था।

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----गेहूं की बुआई का जरूरी तापमान ( डिग्री से. में)

न्यूनतम तापमान--08

अधिकतम तापमान--22

बुआई के समय तापमान--12

अधिकतम तापमान था---29

संसू, रेणुग्राम के अनुसार लगातार कई दिनों से जारी ठंड के कारण परेशानी झेल रहे लोगों को शुक्रवार की सुबह से ही धूप निकलने से थोड़ी राहत मिली है। इससे पूर्व लगातार एक सप्ताह से जारी कनकनी, तेज हवा व धूप के नही निकलने से आम जनजीवन पुरी तरह अस्त व्यस्त बना हुआ था। किसानों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही थी। खेती बाड़ी पर पुरी तरह असर पड़ा था। खराब मौसम के कारण गेहूं, मकई की लगी फसल को चाह कर भी पटवन करने से कतराते थे। मौसम के खुलने से आम जनों के साथ साथ किसानों को भी फायदा पहुंचा है। वही बढ़ते ठंड के कारण बेजूबान पशु पक्षी को भी राहत मिला।


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