आंधी के कारण मकई व गेहूं के फसल को पहुंची क्षति
- प्रकृति के मार से किसानों की टूटी कमर चेहरों पर छायी मायूसी फोटो संख्या - 9 एआर
- प्रकृति के मार से किसानों की टूटी कमर, चेहरों पर छायी मायूसी
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कैप्सन - आंधी तूफान में नुकसान हुए मक्का के फसल को दिखाते किसान।
संवाद सूत्र, फारबिसगंज,(अररिया): प्रकृति ने किसानों पर एक बार फिर से कहर बरपा दिया है। मंगलवार को फारबिसगंज अनुमंडल में हुई तेज बारिश व आंधी-पानी ने तबाही मचाकर किसानों के चेहरे पर मायूसी ला दिया है। आंधी के चलते जहां खेतों में लगे मकई व गेहूं की फसलें गिर गयी है वहीं बारिश से खलिहान में तैयारी के लिए रखे गेहूं की फसल को भी नुकसान पहुंचा है। पीड़ित किसानों ने बताया कि गेहूं भींगने के कारण गुणवत्ता भी प्रभावित हो गयी है। गेहूं की कटाई व थ्रेसिग का काम भी रुक गया है। मार्च महीने से शुरू प्रकृति का कहर अप्रैल माह में भी लगातार जारी है। ज्यादा नुकसान खेतों में लगे हुए मक्का के फसलों को देखने को मिल रहा है। कई एकड़ में मक्का के फसल आंधी तूफान में तबाह हो गए हैं। फारबिसगंज प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत अड़राहा, घीवहा, परवाहा, हरिपुर, शंकरपुर, सैफगंज, लक्ष्मीपुर, सीमरबनी के किसान काफी मायूस हैं। किसान एवं मुसहरी पंचायत के मुखिया अरविद विश्वास, सरपंच मनोज मेहता, किसान पंचानंद मेहता, विमलानंद मेहता, सचिदानंद मेहता, परमानंद मेहता, दिलीप मेहता ने बताया कि 25 एकड़ से भी अधिक भूमि में लगा मकई बर्बाद हो गया है। प्रभात यादव, लालू कुमार यादव, कुनाल कुमार यादव, भरत लाल यादव, सुबोध कुमार यादव चंदन कुमार यादव, दिनेश यादव, परमानंद बहरदार, बिनोद यादव, हरिनारायण यादव, सत्यनारायण यादव ने किसानों के करीब मुआवजा की मांग की है। इधर कृषि सलाहकार मिथिलेश मेहता ने कहा कि भारी मात्रा में फसलों की क्षति हुई है। फसल क्षति का सर्वे कर रिपोर्ट भेज दिया जाएगा ताकि पीड़ित किसानों को उचित मुआवजा मिल सके।