कागजी पेंच में फंसकर दमतोड़ रही है हर घर नल-जल योजना
अररिया। अररिया में जल का कमी नहीं है। नदियों की जाल बिछी है। बावजूद यहां के लोग स्वच्छ
अररिया। अररिया में जल का कमी नहीं है। नदियों की जाल बिछी है। बावजूद यहां के लोग स्वच्छ पानी के लिए तरस रहे हैं। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में लोग आयरन युक्त पानी पीने को विवश है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय के तहत हर घर नल-जल योजना का भी हाल बुरा है। चाहे वह शहरी क्षेत्र हो या ग्रामीण क्षेत्र, सभी जगह पेयजल संकट गहराने लगा है।
यह महत्वपूर्ण योजना जटिल कागजी प्रक्रिया के चलते धरातल पर दम तोड़ती दिख रही है। हर घर नल-जल लक्ष्य से काफी पीछे है। योजना पर विभागीय अधिकारी कुंडली मार कर बैठे हैं। वहीं पुरानी एनआरडब्लूपी योजना (नेशनल रूरल डेवलपमेंट स्कीम) के तहत पूर्व में विभिन्न पंचायतों में बनाए गए अधिकांश जलमीनार भी शोभा का वस्तु बना हुआ है। शहर से लेकर गांवों में जगह जगह पर नल जरूर लगाए गए हैं, परंतु कुछ को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश रखरखाव के अभाव में जर्जर अवस्था में है। इन नलों से आजतक पानी नहीं निकल सका है। यही स्थित शहरों की है। कुछ चौक चौराहे पर लगे नलों की है। - प्रशासनिक स्वीकृति में पेंच पीएचईडी विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2017-18 में 30 प्रतिशत, 2018-19 में 60 प्रतिशत और 2019-20 में शेष 40 प्रतिशत परिवारों के घरों में नल-जल पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित है। जिसमें 70 फीसदी डीपीआर तैयार कर स्वीकृति के लिए विभाग को भेजा गया है, लेकिन विडंबना है कि अधिकांश को स्वीकृति नहीं मिली है। अबतक 216 का टेंडर हुआ, जिसमें केवल करीब आधा दर्जन संवेदकों द्वारा एग्रीमेंट किया गया है। अधिकांश निविदा का निर्णय का कार्य पूरा नहीं हो सका है, जो प्रक्रिया में है। - केवल एक पंचायत में शुरू हुआ काम पीएचडी विभाग के एक कर्मी ने बताया कि सात निश्चय के तहत हर घर नल-जल योजना के तहत सिकटी प्रखंड के बेंगा पंचायत के तीन वार्ड में काम शुरू हुआ है। जबकि फारबिसगंज के औराही पश्चिम, अररिया प्रखंड के बागनगर में कागजी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। बहुत जल्द काम शुरू होने कि संभावना है। वहीं गैयारी, हड़िया, चीकनी, बनगांवा, कमलदाहा, फतेहपुर में टेंडर की प्रक्रिया पुरी हो गई है, एग्रीमेंट नहीं हुआ है।। - जलमीनार से नहीं निकल रहा जल जानकार बताते हैं कि पूर्व में पीएचईडी के तहत चलाए जा रहे योजना एनआरडब्लूपी व अन्य योजना के तहत जिले के दो दर्जन से अधिक पंचायतों में 15 साल पहले जलमीनार बनाया गया था। जिसमें अधिकांश से पानी नहीं निकल रहा है। जबकि गीतवास, बसैटी, परसाहाट, मिर्जापुर आदि पंचायत के जलमीनार से आजतक लोगों को पीने का पानी नसीब नहीं हुआ है। वर्ष 2016 में रामपुर कोदरकट्टी गांव में सीएम नीतीश कुमार के आगमन को लेकर आनन फानन में लगभग छह सौ परिवारों को नल-जल उपलब्ध कराया गया था। शेष परिवारों आज भी इससे वंचित है। कोट - हर घर नल व जल पहुंचाने का शुरू है। कुछ वार्डों में काम चल रहा है। डीपीआर व टेंडर, एग्रीमेंट आदि कार्य प्रक्रिया में है। बरसात के बाद काम में तेजी आएगी। वर्ष 2020 तक 218 पंचायतों के 2992 वार्डों के सभी घरों में नल व जल उपलब्ध करा दिया जाएगा।
- शिव शंकर दयाल, कार्यपालक अभियंता, पीएचईडी अररिया।