प्रोफेसर पर लगे आरोप को लेकर सात सदस्यीय जांच कमेटी गठित
- कुलपति के निर्देश पर प्राचार्य ने सात सदस्यीय जांच कमेटी किया गठित - छात्र नेताओं ने मामले
- कुलपति के निर्देश पर प्राचार्य ने सात सदस्यीय जांच कमेटी किया गठित
- छात्र नेताओं ने मामले में प्रोफेसर को कार्यमुक्त करने को लेकर प्राचार्य को सौंपा ज्ञापन
संवाद सूत्र, फारबिसगंज (अररिया): फारबिसगंज कॉलेज में दो छत्राओं को सीढ़ी पर बैठाकर एक प्रोफेसर के द्वारा पढ़ाए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मामले को लेकर छात्र नेता बजरंग बिहारी के नेतृत्व में शुक्रवार को प्राचार्य को ज्ञापन सौंपकर आरोपित प्रोफेसर पर कार्रवाई की मांग की गई है। मामले में छात्र नेता बिहारी ने कहा कि प्रोफेसर के द्वारा 19 फरवरी को रविदास जयंती के अवकाश के दिन बंद कॉलेज में पुस्तकालय की सीढ़ी पर बैठाकर सिर्फ दो छात्राओं को पढ़ाया जा रहा था। पुस्तकालय की सीढ़ी पर छात्राओं को अकेले पढ़ाते देख छात्र सरोज कुमार के द्वारा जब कहा गया कि ढाई फीट की सीढ़ी पर इस तरह से पढ़ाने का क्या उद्देश्य है। इस पर प्रोफेसर ने मुकदमे की धमकी दी। छात्र नेता बजरंग बिहारी ने कहा कॉलेज प्रशासन इस तरह की हरकत करने वाले शिक्षक को कार्यभार से अविलंब मुक्त करे। इस तरह के शिक्षक के रहने से कॉलेज का माहौल भी खराब होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर प्रोफेसर को कार्यमुक्त नही किया जाता है तो छात्र राजद चरणबद्ध आंदोलन करेगा। मौके पर नगर अध्यक्ष सरोज कुमार, हजरत अली, भीम चंद यादव, विक्की राजा, सुशांत कुमार, आशीष मिट्ठू, प्रभात, बबलू, ललन, संजय, उज्जवल, मिथिलेश कुमार सहित अन्य मौजूद थे।
--- इनसेट--
--------------------
प्रोफेसर पर लगे आरोप के मामले में कुलपति के निर्देश पर सात सदस्यीय जांच टीम का गठन किया गया है। प्राचार्य डॉ पीके मल्लिक ने कहा कि 19 फरवरी को रविदास जयंती को लेकर कॉलेज में अवकाश था। छात्राओं को कॉलेज की सीढ़ी पर बैठाकर पढ़ाए जाने की बात जब उनके द्वारा प्रोफेसर मोहन कसुला से पूछा गया तो उन्होंने कोर्स कंप्लीट की बात कहकर पढ़ाए जाने की बात कही है। साथ ही उनके द्वारा छात्र नेताओं से अपने जान माल के खतरे को भी बताया है। प्राचार्य ने कहा कि कुलपति के निर्देश पर उनके द्वारा मामले की जांच के लिए सात सदस्यों की जांच कमेटी का गठन किया गया है। जांच कमेटी की रिपोर्ट कुलपति को भेजा जाएगा। वहीं जांच कमेटी की रिपोर्ट की जांच के लिए भी कुलपति के द्वारा विश्वविद्यालय में तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया है।