Move to Jagran APP

स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी से मरीज भागने का गहराया मामला

अररिया। फारबिसगंज के एएनएम प्रशिक्षण केंद्र में बने आइसोलेशन सेंटर से बुधवार की दोपहर ए

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Jun 2020 12:05 AM (IST)Updated: Sat, 06 Jun 2020 06:19 AM (IST)
स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी से मरीज भागने का गहराया मामला
स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी से मरीज भागने का गहराया मामला

अररिया। फारबिसगंज के एएनएम प्रशिक्षण केंद्र में बने आइसोलेशन सेंटर से बुधवार की दोपहर एक मरीज के भागने एवं पुन: एक घंटे में वापस लौटने की घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी से मामला गहराता जा रहा है। आइसोलेशन सेंटर से मरीज भागने के मामले की जांच ना होना अररिया जिले के स्वास्थ्य महकमे के ऊपर कई सवाल खड़ा कर रहा है। दैनिक जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद पूरे जिले का स्वास्थ्य महकमा मामले की जिस तरह से लीपापोती करने और लापरवाही करने वाले चिकित्सक को बचाने की कोशिश में लगा रहा उससे ऐसा प्रतीत होता है कि सेंटर से मरीज भागने की घटना को स्वास्थ्य महकमा हल्के में ले रहा है। जबकि बिहार सरकार के द्वारा स्पष्ट निर्देश है कि कोरोना संक्रमण को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जाएगी। प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं क्वॉरेंटाइन सेंटर में मजदूरों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के माध्यम से हालचाल जान रहे हैं। वहीं आइसोलेशन सेंटर की निगरानी भी कर रहे हैं।

loksabha election banner

इनसेट

बिहार सरकार का सारा तंत्र हो गया है फेल: सुरेश पासवान।

प्रवासी मजदूरों को जानबूझकर कोरोना संक्रमित हो के लिए छोड़ दिया गया है। अगर समय रहते सभी मजदूरों को घर बुला लिया जाता तो आज ऐसी नौबत नहीं आई होती। राज्य सरकार का सारा तंत्र फेल होने का जीता जागता उदाहरण है फारबिसगंज आइसोलेशन वार्ड से मरीज के भागने का। इस मामले की जांच होनी चाहिए और दोषी स्वास्थ्य कर्मियों पर जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई की जानी चाहिए। सही तरीके से इलाज नहीं होने के कारण अनुमंडल अस्पताल में एक कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति की मौत हो गई है। मृतक के पत्नी व बच्चे चीख चीख कर कह रहे थे कि उसके पति के ही सही से इलाज नहीं हुई। उसे रेफर कर दिया गया और अररिया अस्पताल पहुंचने के बाद उसे वापस लौटा दिया गया। सही इलाज नहीं होने के कारण ही उसकी मौत हुई है। यह कैसा स्वास्थ्य विभाग है और यह कैसी सरकार है आने वाले समय में सरकार को इसका जवाब देना पड़ेगा।

आइसोलेशन वार्ड में तैनात चिकित्सक व कर्मी इसके लिए है दोषी : विधायक अस्पताल के आइसोलेशन सेंटर से अगर पॉजिटिव मरीज भागता है तो इसमें ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक व कर्मी ही दोषी हैं। आइसोलेशन वार्ड में मरीज की देखरेख के लिए जो भी चिकित्सक व कर्मी प्रतिनियुक्त किए गए थे उनसे इस प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए थी। वही भागने वाले मरीज की भी लापरवाही है उनसे भी इस तरह की गलती नहीं होनी चाहिए थी। क्योंकि उनके संपर्क में आने से बहुत लोग भी पॉजिटिव हो सकते थे। सेंटर के नोडल पदाधिकारी को इस बात का जिम्मेदारी होनी चाहिए कि कौन अंदर आता है और कौन बाहर जाता है। विधायक ने कहा कि कोरोना से मरने वाले एक मरीज की जानकारी उन्हें प्राप्त हुई है। पीड़ित परिवारों के प्रति उनकी संवेदना है। जो भी सरकारी मदद उन्हें मिलना चाहिए जल्दी ही पहल करके उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.