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चुनाव जीतने के लिए अब धार्मिक, जातीय भावनाओं का सहारा नही लें सकेंगे प्रत्याशी

अररिया। पंचायत चुनाव में जीत हासिल करने के लिए प्रत्याशी कई तरह के हथकंडे अपनाकर मतदाताओं को अपनी तरफ आकर्षित करने की जुगत में लगे रहते हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Sep 2021 09:35 PM (IST)Updated: Wed, 15 Sep 2021 09:35 PM (IST)
चुनाव जीतने के लिए अब धार्मिक, जातीय 
भावनाओं का सहारा नही लें सकेंगे प्रत्याशी
चुनाव जीतने के लिए अब धार्मिक, जातीय भावनाओं का सहारा नही लें सकेंगे प्रत्याशी

अररिया। पंचायत चुनाव में जीत हासिल करने के लिए प्रत्याशी कई तरह के हथकंडे अपनाकर मतदाताओं को अपनी तरफ आकर्षित करने की जुगत में लगे रहते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग ने चुनावी मैदान में किस्मत आजमाने वाले उम्मीदवारों को लेकर कई तरह के दिशा निर्देश जारी किया है। चुनावी प्रचार के दौरान प्रत्याशी सार्वजनिक स्थलों का प्रयोग नही कर सकेंगे। अन्य उम्मीदवार के खिलाफ टीका टिप्पणी करने पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगा चुकी है। चुनाव जितने के लिए धार्मिक, जाति व भाषा भावनाओं का सहारा लेने वाले प्रत्याशियों पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की गाज गिर सकती है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को प्रशासनिक तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रही हैं। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी गाइडलाइन में चुनावी मैदान में किस्मत आजमाने वाले उम्मीदवारों को लेकर दिशा निर्देश जारी किया है। इसके अनुसार पंचायत चुनाव में प्रचार-प्रसार के लिए सार्वजनिक स्थलों का उपयोग नहीं हो सकेगा। साथ ही कोई भी अभ्यर्थी किसी उम्मीदवार के खिलाफ व्यक्तिगत टीका-टिप्पणी नहीं कर सकेंगे और न ही जातिगत अथवा धार्मिक भावना को ठेस करने वाले कथन देंगे। ऐसा करने वाले अभ्यर्थियों एवं उनके कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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--धार्मिक स्थल नही बनेगा प्रचार स्थल--- पंचायत चुनाव के संबंध में जारी निर्देश के मुताबिक किसी के घर के सामने नारा लगाने पर रोक है। वही चुनाव जितने के लिए धार्मिक, जाति व भाषा भावनाओं का भी सहारा उम्मीदवार नहीं ले सकेंगे। किसी भी धार्मिक स्थल, मंदिर, मस्जिद व गुरुद्वारा आदि का उपयोग भी चुनाव प्रचार के लिए नहीं होगा। अगर किसी की भावना आहत करने वाली बात सामने आई तो संबंधित अभ्यर्थियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होना निश्चित है। किसी भी व्यक्ति के कार्यों या विचारों का विरोध करने के लिए उम्मीदवार या समर्थकों द्वारा ऐसे व्यक्ति के घरों के सामने धरना देने, नारेबाजी करने या प्रदर्शन करने पर पूर्ण रूप से पाबंदी रहेगी।

---नही हटा सकेंगे दूसरे उम्मीदवार का पोस्टर---

पंचायत चुनाव के दौरान उम्मीदवार को चुनाव कार्यालय खोलने की अनुमति रहेगी। पंचायत निर्वाचन चुनाव के लिए अभ्यर्थी अपने आवास एवं कार्यालय पर प्रचार वाहन या चुनाव प्रचार करने के लिए पोस्टर, बैनर आदि का उपयोग कर सकते हैं। अभ्यर्थी चुनाव प्रचार करने के लिए अपना कार्यालय खोल सकते हैं परंतु इसकी सूचना वे निर्वाची पदाधिकारी को देंगे कि चुनाव कार्यालय किस स्थान पर स्थित है। किसी भी उम्मीदवार का अपने पक्ष में लगाए गए झंडे या पोस्टर नहीं हटाए जाएंगे।

---राजनीतिक दल के झंडे के इस्तेमाल पर रहेगा प्रतिबंध--पंचायत चुनाव में चुनाव दलगत आधार पर नहीं होना है, इसलिए किसी भी राजनीतिक दल के नाम पर या दल के झंडा आदि से चुनाव प्रचार उम्मीदवार नहीं कर सकेंगे। शासकीय और अशासकीय परिसदन, विश्रामगृह, डाक बंगला एवं अन्य आवासों का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए तथा चुनाव बैठक के लिए किसी भी उम्मीदवार के द्वारा नहीं किया जाएगा। किसी भी सरकारी उपक्रम, भवन, दीवार एवं चारदीवारी पर अभ्यर्थी तथा उनके समर्थक किसी प्रकार का पोस्टर नहीं चिपका सकेंगे और ना ही किसी प्रकार का नारा लिखा जा सकेगा।

----निर्वाची पदाधिकारी ने कहा--निर्वाची पदाधिकारी (पंचायत) सह प्रखंड विकास पदाधिकारी राकेश कुमार ठाकुर ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायत चुनाव को लेकर गाइडलाइन का पालन उम्मीदवारों को करना आवश्यक होगा। कोई ऐसा काम जिससे किसी धर्म या संप्रदाय की भावनाएं आहत होतीं हों, आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा। पंचायत चुनाव लड़ने से लेकर जीतने के बाद तक इस बात का ध्यान रखना अनिवार्य है। आदर्श आचार संहिता के पालन हेतु चुनाव आयोग पूरी तरह कमर कस चुकी है।


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