पटेगना में निकाली गई कलश यात्रा
अररिया। माता दी के जयकारे से सोमवार को पटेगना गुंजायमान रहा। साथ ही विधि-विधान पूर्वक काल
अररिया। माता दी के जयकारे से सोमवार को पटेगना गुंजायमान रहा। साथ ही विधि-विधान पूर्वक काली पूजा संपन्न कराने को लेकर अररिया प्रखंड के सहासमल पंचायत के पटेगना गांव से 251 कुमारी कन्या एवं श्रद्धालु भक्तों द्वारा भव्य कलश यात्रा निकाली गई। यात्रा सिद्धेश्वर काली मंदिर परिसर पटेगना से निकलकर स्थानीय चर्चित भूतनाथ पोखर से पवित्र जल भरकर भूतनाथ मंदिर परिसर पहुंची, जहां सभी कलशों में संगम स्थल प्रयाग राज से लाए पवित्र गंगाजल डालकर शिव पार्वती मंदिर, हनुमान मंदिर, शनि मंदिर, सार्वजनिक दुर्गा मंदिर पटेगना होते हाईस्कूल चौक पलासी स्थित चंडी स्थान का त्रिपेक्षण लगाते हुए पुन: मंदिर परिसर भक्तगण पहुंचे। कलश यात्रा के दौरान श्रद्धालु भक्तों द्वारा लगाए गए गगणभेदी जयकारे से क्षेत्र का माहौल पूर्णतया भक्तिमय बना रहा। इस मौके पर कुमारी कन्याओं के अलावा पुजारी शंकर झा, विशोकान्त ठाकुर, बैंक मैनेजर जीवछ नारायण झा, नीतीश झा, ¨बदू मिश्र, श्रवण मिश्र, वीरेंद्र मिश्र, देवेन्द्र विश्वास, मिथुन मिश्र, अभिलाष ठाकुर, संतोष, आशीष, सीपू, सागर, रूपेश मिश्र सहित क्षेत्र के दर्जनों युवा श्रद्धालु सक्रिय थे।
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इनसेट
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लक्ष्मी घर दरिद्र बाहर के अनुष्ठान की चल रही तैयारी
संसू., फुलकाहा (अररिया): यूं तो दीपावली स्वच्छ वातावरण में दीप जलाने, मिठाइयां खाने और आतिशबाजी करने का उत्सव है। धार्मिक अनुष्ठान में गणेश, लक्ष्मी एवं मां काली के पूजा की जाती है। इसके अलावा हर घर में जूट की संठी से घर की घेराबंदी लोग करते हैं और इसी संठी से दीपावली के दिन हुक्का पाती बनाकर एक विशेष अनुष्ठान की परंपरा है। घर के अभिभावक संठी की हुक्का पाती बनाते हैं। फिर, इसमें आग लगाकर घर के भीतर घुमाते हैं और यह कहते हैं कि लक्ष्मी घर दरिद्र बाहर। घर के सभी कोनों में दिखाते हुए संठी को बाहर फेंक देने की परंपरा है। इस अनुष्ठान की तैयारी प्रत्येक घर में चल रही है।