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मुख्ममंत्री करेंगे इंडो-नेपाल सड़क का एरियल सर्वें

अररिया। इंडो-नेपाल सड़क सिकटी प्रखंड के बरमसिया मौजा में बाधित है। इस मौजा में दो स्थानों प

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 Jan 2019 09:26 PM (IST)Updated: Mon, 07 Jan 2019 09:26 PM (IST)
मुख्ममंत्री करेंगे इंडो-नेपाल सड़क का एरियल सर्वें
मुख्ममंत्री करेंगे इंडो-नेपाल सड़क का एरियल सर्वें

अररिया। इंडो-नेपाल सड़क सिकटी प्रखंड के बरमसिया मौजा में बाधित है। इस मौजा में दो स्थानों पर सड़क निर्माण कार्य पांच वर्ष से ठप रहने के कारण सिकटी से टेढ़ागाछ बरसात के महीने में आवागमन ठप रहता है। बाधित भू-भाग पर शौचालय का निर्माण करा दिया गया है। कृषि उत्पाद का अवशेष भी रखा गया है। इस संबंध में भू-अर्जन पदाधिकारी मुकेश कुमार मुकुल कहना है कि जिन लोगों ने सड़क को रोक रखी है, वे भूमि संबंधी कागजात नहीं जमा कर रहे हैं, इसलिए सड़क निर्माण कार्य बाधित है। वहीं आरसीडी के कार्यपालक अभियंता घनश्याम मंडल ने कहा कि अधिग्रहित भूमि पर से कब्जा यदि रैयत नहीं छोड़ती है तो मुआवजा राशि प्राधिकार में जमा करके कब्जा दिलाने का प्रावधान है। विभाग को भूमि पर कब्जा मिलते ही सड़क निर्माण कार्य पूर्ण करा दिया जाएगा। इस संबंध विभागीय सूत्रों ने जानकारी दी कि 10 जनवरी को मुख्यमंत्री इंडो-नेपाल सड़क का एरियल सर्वें कर सकते है। इसे लेकर भू-अर्जन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। आरसीडी और भू-अर्जन विभाग की टीम आज बरमसिया मौजा में बाधित सड़क के भू-भाग का निरीक्षण कर सकती है। गौरतलब है कि इंडो-नेपाल रोड, नरपतगंज, फारबिसगंज, कुर्साकांटा व सिकटी प्रखंड में कई स्थानों पर बाधित है।

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जागरण विशेष --नोटिस की पेंच में फंसी इंडो-नेपाल बॉर्डर रोड

-एक आदेशपाल से रैयत को भेजी जा रही भुगतान की नोटिस

-अधिकांश लोगों को नहीं मिली कागजात जमा करने की सूचना

-----संजय कुमार झा

संवाद सूत्र,अररिया: सिकटी प्रखंड से होकर गुजरने वाली ऐतिहासिक डोम सड़क के नहीं बन पाने से इलाके के कई गांवों का विकास बाधित है। वहीं, इंडो-नेपाल रोड रैयत को मुआवजा नहीं मिलने से कई स्थानों पर निर्माण कार्य ठप है। इस बाबत भू-अर्जन ?विभाग का दावा है कि एक आदेशपाल के माध्यम से फारबिसगंज के सभी और सिकटी के एक मौजे को छोड़कर सभी रैयत को भुगतान के लिए जरूरी दस्तावेज जमा करने की सूचना हस्तगत कराई जा चुकी है। इस बाबत मजरख ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने कहा कि सड़क का निर्माण पूरा होने से यूपी, बिहार, बंगाल, पूर्वोत्तर भारत और उत्तराखंड का आवागमन आसान हो जाएगा। प्रतिदिन हजारों लोग इस सड़क से गुजरेंगे। क्षेत्र का विकास होगा। इसी अभिलाषा के साथ हम लोगों ने अपनी जमीन पर बिना मुआवजा लिए ही इंडो-नेपाल सड़क बनने दिया है। वहीं, विभाग अपने चाहने वालों के नोटिस भेजकर राशि का भुगतान करने की कवायद कर रहा है। भू-अर्जन ?विभाग को सभी समाचार पत्रों में रैयत का नाम और मिलने वाली राशि की सूचना गजट करानी चाहिए। एक आदेशपाल से सभी नोटिस पहुंचाने में तो कई वर्ष गुजर जाएंगे। जिन लोगों की जमीन पर सड़क बनी है, उन्हें भुगतान प्राप्त करने की कोई नोटिस नहीं दी गई है। वहीं विभागीय सूत्रों का कहना है कि

जिले के दो प्रखंडों में से फारबिसगंज में 726 रैयतों को नोटिस भेजी गयी है जिसमे से 423 को भुगतना भी हो चुका है।सिकटी प्रखंड में 775 रैयत को नोटिस भेजा जा चुकी है। इस प्रखंड के बरमसिया मौजा के तीन गांवों के रैयत को अभी तक भुगतान के लिए कागजात जाम करने की नोटिस नहीं भेजी जा सकी है। कार्रवाई जारी है।

----कोट----------

एक आदेशपाल को रैयत को सूचना देने में लगाया गया है। अबतक फारबिसगंज के 726 और सिकटी प्रखंड के 775 रैयत को मुआवजा देने के लिए अधिग्रहीत भूमि का मालिकाना हक के कागजात व बैंक खाते की छाया प्रति कार्यालय में जमा करने की नोटिस हस्तगत कराई जा चुकी है। बरमसिया मौजा के तीन गांवों को नोटिस भेजने की प्रक्रिया जारी है।

-मुकेश कुमार मुकुल, भू-अर्जन अधिकारी अररिया।

---कोट------

मुझे नोटिस नहीं मिली है। मेरे ढाई डिसमल जमीन पर इंडो-नेपाल बॉर्डर रोड बनी है। दो वर्ष से भुगतान की नोटिस प्राप्त होने की प्रतीक्षा कर रहा हूं। मैं मजरख ग्राम पंचायत के वार्ड चार का निवासी हूं। विभाग को रैयत का नाम समाचार पत्र में गजट कराना चाहिए। एक सप्ताह के अंदर सभी लोग कागजात जमा कर देंगे।

-रमेश कुमार यादव, रैयत, इंडो-नेपाल रोड सिकटी।

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--कोट---

मैं मजरख ग्राम पंचायत के वार्ड चार का निवासी हूं। मैने सात डिसमल भूमि इंडो-नेपाल रोड के लिए दिया हूं। आज तक भुगतान प्राप्त करने के लिए नोटिस नहीं मिली है। विभागीय नोटिस की प्रतीक्षा चार वर्ष से कर रहा हूं।

-जय प्रकाश मंडल, रैयत इंडो-नेपाल रोड सिकटी।

--मुकेश कुमार मुकुल, भू-अर्जन अधिकारी अररिया।


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