खुदाई में मिली अष्ट धातु की तलवार
अररिया। स्वप्न में मंदिर का तलवार देखने और पूर्व मंदिर के स्थान पर खोदाई के क्रम में अष्ट धातु
अररिया। स्वप्न में मंदिर का तलवार देखने और पूर्व मंदिर के स्थान पर खोदाई के क्रम में अष्ट धातु तलवार मिलने पर लोगों की आस्था परवान पर है। इसको लेकर चहुंओर चर्चा है। पटेगना क्षेत्र के श्रद्धालु एकजुट होकर सैकड़ों वर्षों से बंद मां खड़गेश्वरी काली की पूजा इस वर्ष फिर कर रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार सहासमल पंचायत के वार्ड तीन स्थित पटेगना के वर्णमाल टोला के समीप यहां के पूर्वजों द्वारा मां काली की पूजा -अर्चना की जा रही थी। महामारी के कारण आयोजक परिवार के सभी सदस्य का निधन के बाद गरीबी के बोझ तले दबे यहां के लोग मां की पूजा को सक्षम नहीं थे। इसके कारण पिछले एक सौ वर्षों से इस मंदिर में पूजा बंद थी तथा मंदिर की जमीन खेत में तब्दील हो गई थी। सिर्फ एक टिला ही प्रतीक में बचा था। मंदिर के पूर्व पुजारी स्वर्गीय बोधकांत झा उनके पुत्र पुजारी मधुसूदन झा को कई बार स्वप्न में पूजा करवाने की अनुभूति हुई, लेकिन यहां पूजा की शुरूआत नहीं हो सकी। इसी सिलसिले में इस वर्ष दुर्गा पूजा से पूर्व इसी गांव के राजकिशोर साह को मां काली की पूजा पूर्व स्थान पर कराने तथा मंदिर के स्थान पर मिट्टी के नीचे सैकड़ों वर्ष पुरानी तलवार होने की अनुभूति हुई। इस चर्चा पर ग्रामीणों ने खुदाई शुरु की जहां से अष्टधातु से निर्मित सैकड़ों वर्ष पुरानी तलवार मिली। लोगों में आस्था जगी तथा वर्षों से बंद मां काली की पुन: इस वर्ष से विधिवत पूजा शुरू हो गई। साथ ही ग्रामीण श्रद्धालुओं द्वारा एकजुट होकर भव्य आकर्षक महासिद्धेश्वरी काली मंदिर निर्माण के लिए संकल्पित होकर कार्य प्रारंभ करने की सहमति बनी। इससे क्षेत्र का माहौल भक्तिमय बन गया है।