सत्संग से मिलती है मन को शांति
संसू फुलकाहा (अररिया) जीवन में सुख शांति पाना चाहते हैं लेकिन संसार के भौतिक वस्तु को
संसू, फुलकाहा (अररिया): जीवन में सुख शांति पाना चाहते हैं लेकिन संसार के भौतिक वस्तु को पाकर कभी भी सुख शांति की प्राप्ति नहीं हो सकती है ,जो मानव प्राणी में सत्संग में आकर संत सतगुरु का उपदेश व आदेश का पालन करते हैं। उनके हीं जीवन में सुख-शांति प्राप्त होती है। असुर स्वभाव वाले मनुष्य प्रवृति और निवृति इन दोनों को हीं नहीं जान पाते हैं इसलिए उनमें न तो बाहर न हीं भीतर की शुद्धि होती है। उनका न श्रेष्ठ आचरण हो पाता है न हीं सत्य विचार। उक्त बातें नरपतगंज प्रखंड के सोनापुर पंचायत स्थित सतसंग मंदिर में आयोजित त्रिदिवसीय संतमत सत्संग के दूसरे दिन शनिवार को महर्षि मेंहीं आश्रम कुप्पाघाट भागलपुर से आये स्वामी डॉ. स्वामी विवेकानंद जी महाराज ने कही। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्ति जगत आश्रयरहित, सर्वथा असत्य और बिना ईश्वर बगैर गुरू को स्वयं को प्रधानता देते हैं। जबकि इस धरातल पर बिना गुरू का मनुष्य में मनुष्यता हो हीं नहीं सकती। संत कबीर, महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज, गोस्वामी तुलसीदास ने भी गुरू की महत्ता बतलाए हैं। इसके अलावा स्वामी राम बाबा, स्वामी सुबोध बाबा ने भी अमृत प्रवचन एवं भजनावली से श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। स्वामी राम बाबा ने कहा कि सत्य परमात्मा को कहते हैं उनके संग करने को सत्संग कहते हैं। संसार कि सारी वस्तुएं परिवर्तनशील है ,नाशवान हैं ,केवल परमात्मा हीं अपरिवर्तनशील और अविनाशी हैं। उस अभीनाशी परमात्मा को प्राप्त करके अभीनासी सुख की प्राप्ति होती है। तमाम सोनापुर गांववासियों के सहयोग से यहां भव्य पंडाल, रोशनी, भंडारा का आयोजन किया गया है। यहां पड़ोसी देश नेपाल सहित नरपतगंज, फुलकाहा, पथरदेवा, भोड़हर, नवाबगंज, मिर्जापुर, लक्ष्मीपुर, कोशिकापुर, अमरोरी आदि क्षेत्रों से सत्संग धर्मावलंबियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। प्रोफेसर लखन लाल यादव, कृष्ण यादव, उमेश प्रसाद साह, महानंद साह, गिरजानंद साह, संजय कुमार अकेला, राम नारायण साह, धीरज साह, डॉ चंद्रकिशोर साह, सदानंद साह, नंदन दास, अनंत मोहन साह, रितेश कुमार, सुनील यादव, संतोष यादव, कुलानंद साह आदि सतसंग में सहयोग दे रहे हैं।