पूर्व अपर जिला न्यायाधीश विजय कुमार झा का निधन
आवश्यक फोटो नंबर 18 एआरआर 04 उनके अंतिम दर्शन को उमड़ा जनसैलाब - अररिया जिला क
आवश्यक:
फोटो नंबर 18 एआरआर 04
उनके अंतिम दर्शन को उमड़ा जनसैलाब
- अररिया जिला का सर्व प्रथम पूर्व अपर जिला न्यायाधीश के पद को सुशोभित किये थे विजय बाबू ने
-कोर्ट परिसर में पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन को लोगों की लगी रही भीड़
संसू, अररिया: अररिया के विद्वान अधिवक्ता एवं पूर्व अपर जिला न्यायाधीश विजय कुमार झा नहीं रहे। मृदुभाषी व नेक दिल इंसान विजय बाबू का सोमवार को आकस्मिक निधन हो गया। इस दुखदाई खबर सुनते ही अधिवक्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई। वहीं अररिया के दोनों अधिवक्ता संघ के सदस्यों की एक संयुक्त शोक सभा जिला बार एसोसिएशन सभागार में की गई। जहां मौजूद अधिवक्ताओं ने मृतक के जीवनी पर प्रकाश डालते दो मिनट का मौन रख मृतक की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित किया। साथ ही अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्य से अपने को अलग रखा।
शोक सभा की अध्यक्षता अररिया के प्रभारी पीपी सह वरिष्ठ अधिवक्ता लक्ष्मी नारायण यादव ने की। मृतक के जीवनी पर प्रकाश डालते अधिवक्ताओं ने कहा कि विजय बाबू सिर्फ अररिया जिले ही नहीं बल्कि भूमि विवाद से जुड़े सिविल के अधिवक्ता के रूप में पुराने कोशी कमिश्नरी में चर्चित रहे। इतना ही नही इस महान विभूति ने जूडिशियल सर्विस की परीक्षा तथा बाद में जूडिशियल सर्विस के सीनियर डिविजन की परीक्षा उत्तीर्ण के बाद अपर जिला न्यायाधीश के पद को सुशोभित किया तथा अररिया जिले का पहला न्यायाधीश के रूप में इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया। बावजूद उन्होंने वकालत पेशे की गरिमा को समझते पुन: अपने इस पेशे को सर्वश्रेष्ठ माना और अररिया जिला बार एसोसिएशन के सक्रिय सदस्य के रूप में इस पेशे में उच्च स्थान दिया। इसी क्रम में अररिया जिला बनाओ संघर्ष समिति तथा बाद में अररिया जिले में जिला जज कोर्ट की स्थापना को लेकर अररिया जिला जज स्थापना समिति में सक्रिय रहे।
स्वतंत्रता सेनानी एवं अररिया के सिविल केस मामले में चर्चित वरिष्ठ अधिवक्ता हरि लाल झा के जेष्ठ पुत्र विजय बाबू संघ के अध्यक्ष के पद भी संभाला। अपने जीवन काल में ही उन्होंने अपने दोनों पुत्र विवेक कुमार झा एवं विनीत कुमार झा को वकालत पेशे से जुड़ाव कर उन्होंने अपने सिरिस्ते की गरिमा बढाई। इनके निधन पर जहां अधिवक्ताओं में काफी गम का माहौल है। वहीं जन आग्रह पर उनके पार्थिव शरीर को सिविल कोर्ट परिसर लाया गया। जहां अधिवक्ताओं सहित जनसमूह ने उनके अंतिम दर्शन कर अपनी श्रद्धांजलि दी। निवास स्थान पर भी अंतिम दर्शन के लेकर सुबह से अधिवक्ताओं एवं आम लोगों की भीड़ उमड़ती रही, जहां सभी ने अपने नम आंखों से इनका अन्तिम दर्शन कर पुष्प- माला अर्पित कर श्रृद्धांजलि दी।