वाल्मीकि जयंती पर सेमिनार का आयोजन
संसू.रानीगंज(अररिया) शरद पूर्णिमा वाल्मीकि जयंती के अवसर पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद
संसू.,रानीगंज(अररिया): शरद पूर्णिमा वाल्मीकि जयंती के अवसर पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद रानीगंज इकाई के बैनर तले Þबाल्मीकि और उसका रामायणÞ विषय पर प्रांतीय सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन गंगोत्री से गंगा सागर तक की साइकिल से यात्रा करने वाले और वैतरणी एवं अभियान उपन्यास के रचयिता तथा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि निलय उपाध्याय, वाइन पी डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉ अशोक आलोक, संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ नूतन आलोक, आभसाप रानीगंज इकाई के अध्यक्ष प्रोफेसर नवल किशोर सिंह, बिहार प्रांत के प्रांतीय मंत्री अवधेश कुमार झा और गुड्डू सिंह अनिकेत, पूर्णिया इकाई के अध्यक्ष गोपाललचंद्र घोष मंगलम, सचिव केके चौधरी, पूर्णिया सरोकार संस्था के अध्यक्ष एस0एम0 झा के द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। Þबाल्मीकि और उसका रामायणÞ विषय पर चर्चा से पूर्व सरस्वती वंदना और स्वागत गीत कलावती कन्या उच्च विद्यालय के शिक्षक दयाशंकर बाबू एवं शिक्षिका बबीता कुमारी एवं नूतन कुमारी के द्वारा प्रस्तुत किया गया। अतिथियों को अखिल भारतीय साहित्य परिषद रानीगंज इकाई की ओर से शॉल, पुष्पगुच्छ, डायरी और कलम से सम्मानित किया गया। परिचर्चा की शुरुआत प्राचार्य डॉ अशोक कुमार आलोक के वक्तव्य से हुआ। वक्तव्य प्रांतीय मंत्री गुड्डू सिंह के द्वारा प्रस्तुत किया गया। पूर्णिया से आए साहित्यकार केके चौधरी ने बाल्मीकि और उसके रामायण पर ओजपूर्ण भाषा में सारगर्भित जानकारियों से उपस्थित श्रोताओं को अवगत कराया। इसके अलावा नूतन आलोक, अवधेश, एसएम झा, रमेश ठाकुर, गोपाल चंद्र घोष मंगलम आदि द्वारा भी चर्चा में भाग लेकर बाल्मीकि और उसके रामायण पर अपना विचार प्रकट किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉक्टर निलय उपाध्याय ने कहा कि पूरी दुनिया में करुणा का मूल भाव अरस्तु ने समझाया है। जबकि करूणा का मूल पाठ आदि कवि महर्षि बाल्मीकि ने पढ़ाया है। इस अवसर पर सदानंद सुमन, सुरेंद्र सुमन, संजय सिंह सारथी, सृजनोन्मुख पत्रिका के संपादक कार्तिक कुमार झा'मनहरण', सुभाष साह, उमेश सदा, नवल किशोर सहाय, कुंदन ठाकुर, शुभम गुप्ता, ललित मिश्रा, दयानंद यादव, सुभाष यादव एवं अन्य कई विद्वान मौजूद थे।