जमीन के लिए तरस रहे हैं जिले के 212 सरकारी विद्यालय
जागरण विशेष - जिले के 212 विद्यालयों को नही है अपनी जमीन -108 भूमि वाले स्कूल भवन निर्माण
जागरण विशेष:
- जिले के 212 विद्यालयों को नही है अपनी जमीन
-108 भूमि वाले स्कूल भवन निर्माण के लिए हो रहा राशि का इंतजार
राकेश मिश्रा , अररिया: जब किसी विद्यालय को बुनियादी सुविधाएं ही उपलब्ध नहीं हो तो ऐसे विद्यालयों से अच्छी शिक्षा की उम्मीद कैसे की जा सकती है। ऐसा ही कुछ हाल अररिया जिले के करीब 212 विद्यालयों का है जो आज भी भूमिहीन है। हालात यह है कि जमीन के अभाव में ऐसे विद्यालय निजी व्यक्ति के जमीन पर संचालित हो रहे हैं और कुछ तो ऐसे भी हैं जिनको जमीन मकान के अभाव में दूसरे स्कूल से टैग कर संचालित किया जा रहा है। जिला अंतर्गत ताराबाड़ी, मदनपुर, मोहनपुर, बांसबाड़ी, गैयारी, कुसियारगांव, जोकीहाट, बागनगर, रामपुर कोदरकटी, बौसी, रानीगंज आदि पंचायत सहित छह प्रखंडों के करीब 212 स्कूलों को अपनी जमीन नही है। वहीं दूसरी और वर्ष 2018-19 में करीब 108 स्कूलो को राज्य सरकार के द्वारा जमीन उपलब्ध कराई गई है मगर जमीन उपलब्ध होने के बाद भी ऐसे स्कूलों कि समस्या का समाधान नही हो रहा है। कुछ स्कूल 3 माह तो कुछ लगभग एक साल से मिली जमीन पर स्कूल भवन बनने का इंतजार कर रहा हैै। वहीं विभाग द्वारा ऐसे स्कूलों को अब तक राशि स्वीकृत नही किया गया है जिसको लेकर स्कूल प्रबंधन काफी आक्रोशित है। साथ हीं ऐसे स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्कूल प्रबंधन को कभी निजी जमीन मालिकों के आक्रोश का भी सामना करना पड़ता है ।
कौन कौन से स्कूल हैं शामिल-
बिना जमीन के संचालित हो रहे स्कूलों में प्राथमिक विद्यालय ईदगाह टोला अररिया, प्राथमिक स्कूल कामत टोला अररिया, एनपीएस मुसहरी टोला, अररिया, एनपीएस शेखरा टोला अररिया, पीएस यादव टोला ़खरैया बस्ती, पीएस ऋषिदेव टोला अररिया, पीएस सिसौना, पीएस माधोपुरा उत्तर टोला सहित रानीगंज, फॉरबिसगंज, नरपतगंज, जोकीहाट, सिकटी, अररिया, बथनाहा आदि पंचायतों के करीब 212 स्कूल शामिल हैं।
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जिन जिन स्कूलों को अपनी जमीन नही है उसके लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। साथ ही भवन की भी मांग की गई है, सरकार से स्वीकृति और राशि आवंटन के साथ ही काम प्रारंभ कर दिया जायेगा।
- बालेश्वर प्रसाद यादव
- डीपीओ स्थापना, अररिया